उत्तर प्रदेश लोकसभा चुनाव में बेहद महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, क्योंकि उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा लोकसभा सीट हैं। लेकिन इस बार उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव की सीटों को लेकर गहमा गहमी का माहौल है। दरअसल ये गहमा गहमी उत्तर प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष अजय राय के बयान से शुरू हुई है। वहीं अब मुंबई में विपक्षी गठबंधन की बैठक भी हुई है। इस मीटिंग में उम्मीद जताई जा रही थी कि उत्तर प्रदेश में लोकसभा सीटों का बंटवारा हो जायेगा। वहीं विपक्षी गठबंधन का प्रधानमंत्री चेहरा कौन होगा, इस पर भी बैठक में चर्चा होने की संभावना जताई जा रही थी।
अजय राय के इस बयान ने शुरू की गहमा गहमी
उत्तर प्रदेश में लोकसभा की सीटों के बंटवारे को लेकर चर्चाएं उस वक्त तेज हो गईं, जब कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने बयान दिया। दरअसल अजय राय ने उत्तर प्रदेश में लोकसभा सीटों के बंटवारे को लेकर कहा था कि लोकसभा चुनाव 2024 में इंडिया गठबंधन की तरफ से उत्तर प्रदेश की सभी 80 लोकसभा सीटों पर केवल कांग्रेस चुनाव लड़ेगी। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय के इस बयान के बाद असमंजस की स्थिति बन गई कि उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी की भूमिका किस प्रकार रहेगी।
2 दिवसीय मीटिंग में भी नहीं हो सका सीटों का बंटवारा
इंडिया गठबंधन ने सीटों के बंटवारे सहित कई अन्य मुद्दों को लेकर मुंबई में 2 दिवसीय मीटिंग का आयोजन किया। हालांकि गठबंधन की इस मीटिंग में सीटों के बंटवारे को लेकर कोई निष्कर्ष नहीं निकला। एक तरफ अंदाजा लगाया जा रहा था कि इंडिया गठबंधन किस दो दिवसीय मीटिंग में उत्तर प्रदेश की सीटों का बंटवारा हो जाएगा। जिसमें यह स्पष्ट हो जाएगा कि उत्तर प्रदेश में आखिर इंडिया गठबंधन से कौन सी पार्टी कितनी सीटों पर चुनाव लड़ेगी। लेकिन अभी तक उत्तर प्रदेश में लोकसभा की सीटों के बंटवारे की कोई घोषणा नहीं की गई।
उत्तर प्रदेश में भाजपा के मुकाबले नहीं कोई पार्टी
उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव के लिए विपक्षी गठबंधन से कौनसी पार्टी चुनावी मैदान में उतरेगी, इसका अभी विपक्षी गठबंधन ने खुलासा नहीं किया है। हालांकि आंकड़ों को देखें, तो पिछले दो लोकसभा चुनावों से भारतीय जनता पार्टी का मुकाबला कोई भी विपक्षी पार्टी नहीं कर पाई है। भले ही इस बार कांग्रेस ही क्यों ना उत्तर प्रदेश की सभी लोकसभा सीटों पर चुनावों लड़े, लेकिन भारतीय जनता पार्टी से उत्तर प्रदेश में जीत हासिल करना बेहद ही मुश्किल होगा। 2014 के लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने उत्तर प्रदेश की 80 लोकसभा सीटों में से 71 सीटों पर जीत दर्ज की थी। वहीं 2019 में भारतीय जनता पार्टी ने कुल 62 सीटों पर जीत दर्ज की थी। इस बार तो भारतीय जनता पार्टी का लक्ष्य 80 की 80 लोकसभा सीटें अपने नाम करना है।