प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कई दिनों पहले संसद का विशेष सत्र बुलाने का ऐलान किया। जहां संसद का विशेष सत्र बुलाने के बाद से ही विपक्षी पार्टियां यह जानने के लिए उत्सुक हैं कि आखिर संसद का विशेष सत्र किस मुद्दे पर बुलाया जा रहा है। वहीं अब इसको लेकर कांग्रेस की पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी पत्र लिखा। इस पत्र में उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कई सवाल किए हैं। जिसमें से प्रमुख सवाल विशेष सत्र की मीटिंग को लेकर है। सोनिया गांधी ही नहीं बल्कि कई नेता यह जानना चाहते हैं कि आखिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अचानक से संसद का विशेष सत्र किस मुद्दे को लेकर बुलाया है।
सोनिया गांधी के प्रश्न का कब मिलेगा जवाब
कांग्रेस की पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी ने जैसे ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र भेजा तो यह खबर हर तरफ फैल गई। इसके बाद एक प्रश्न उठने लगा कि आखिर सोनिया गांधी के प्रश्न का जवाब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कब देंगे। हालांकि ऐसा माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोनिया गांधी के इस प्रश्न का उत्तर नहीं देंगे, क्योंकि उनके द्वारा बुलाया गया यह विशेष सत्र किसी विशेष मुद्दे को लेकर है, जिसके बारे में वह पहले से जिक्र नहीं करना चाहते हैं। ऐसे कहा जा रहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संसद के विशेष सत्र के दौरान ही इस बात का खुलासा करेंगे कि आखिर यह विशेष सत्र क्यों बुलाया गया है।
क्या इंडिया नाम हटाने को लेकर बुलाया गया है विशेष सत्र
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 18 से 22 सितंबर तक संसद का विशेष सत्र बुलाया गया है। हालांकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विशेष सत्र बुलाने के उद्देश्य का खुलासा नहीं किया है, लेकिन इसको लेकर अब तमाम संभावनाएं सामने आने लगी हैं। कई लोगों का तो यह भी मानना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा बुलाया गया यह विशेष सत्र भारत के संविधान से इंडिया शब्द को हटाने के लिए है। बीते कई दिनों से इंडिया और भारत को लेकर बहस भी छिड़ी हुई है। जहां G- 20 के निमंत्रण पत्र पर भी द प्रेसिडेंट ऑफ़ इंडिया की जगह द प्रेसिडेंट ऑफ भारत लिखा गया है। इसके बाद से यह मुद्दा काफी चर्चाओं में आ गया है और यह माना जा रहा है कि संसद के विशेष सत्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसके बारे में चर्चा करेंगे।
क्या एक देश एक चुनाव को लेकर बुलाया गया है विशेष सत्र
संसद के विशेष सत्र को लेकर तमाम संभावनाएं बताई जा रही हैं, उनमें से एक संभावना एक देश एक चुनाव को लेकर भी है। क्योंकि एक देश एक चुनाव को लेकर कमेटी का भी गठन हो चुका है। इस कमेटी की अध्यक्षता देश के पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद कर रहे हैं। आज देश के पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के आवास पर मीटिंग का भी आयोजन किया गया। जिस तेजी से एक देश एक चुनाव को लेकर मीटिंग और चर्चाएं हो रही हैं, उससे यह अंदाजा लगाया जा रहा है कि संसद के विशेष सत्र के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक देश एक चुनाव पर चर्चा करके बिल पारित कर सकते हैं।