केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आज नई दिल्ली के बांसेरा पार्क में जनजातीय गौरव दिवस और भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती पर उनकी प्रतिमा का अनावरण किया। उन्होंने बिरसा मुंडा को श्रद्धांजलि अर्पित की और आशा व्यक्त की कि युवा उनसे प्रेरणा लेते रहेंगे। इस दौरान उन्होंने कहा कि “भगवान बिरसा मुंडा देश की आजादी की जंग के महानतम नायकों में से एक थे। उन्होंने बताया कि आदिवासी समुदाय हमेशा भगवान बिरसा मुंडा के आभारी रहेगा। और अगले साल 15 नवंबर तक देशभर में आदिवासी गौरव दिवस मनाया जाएगा।
भगवान बिरसा मुंडा की कहानी 150 साल बाद भी पूरे देश में गूंज रही
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा भगवान बिरसा मुंडा ‘धरती आबा’ के जीवन को हम 2 चरणों में बांट सकते हैं, पहला, आदिवासी संस्कृति की रक्षा और उसके प्रति प्रतिबद्धता, दूसरा, मातृभूमि की स्वतंत्रता, उसकी रक्षा के लिए सर्वोच्च बलिदान देने का जज्बा। शाह ने आगे कहा कि महज 25 वर्ष की आयु में बिरसा मुंडा ने अपने कार्यों से ऐसी कहानी लिखी, जिसकी गूंज 150 साल बाद भी पूरे देश में सुनाई देती है। उन्होंने अंग्रेजों के खिलाफ संघर्ष की मशाल जलाई और न केवल भारत, बल्कि पूरे विश्व का ध्यान आदिवासी समुदाय की स्थिति की ओर आकर्षित किया।
सराय काले खां चौराहे का बदला नाम
भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती के मौके पर केंद्रीय आवास एवं शहरी मामलों के मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने सराय काले खां ISBT चौराहे का नाम बदलकर भगवान बिरसा मुंडा चौक करने का ऐलान भी किया। खट्टर ने कहा, “मैं आज घोषणा कर रहा हूं कि यहां ISBT बस स्टैंड के बाहर स्थित बड़े चौक का नाम भगवान बिरसा मुंडा के नाम पर रखा जाएगा। इस प्रतिमा और उस चौक का नाम देखकर न केवल दिल्ली के नागरिक बल्कि अंतर्राष्ट्रीय बस स्टैंड पर आने वाले लोग भी निश्चित रूप से उनके जीवन से प्रेरित होंगे।”
3 हजार किलो वजन की प्रतिमा
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भगवान बिरसा मुंडा की जिस प्रतिमा का अनावरण किया उसका वजन लगभग 3,000 किलोग्राम है। आज के दिन को ‘जनजातीय गौरव दिन’ के रूप में भी मनाया जाता है। इस प्रतिमा को पश्चिम बंगाल के दो अनुभवी शिल्पकारों ने तैयार किया है, जिन्होंने सुनिश्चित किया है कि इसके स्वरूप में जीवंतता का भाव समाहित हो।