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UP में पहले दिव्यांगों को ₹300 पेंशन मिलती थी, जिसमें से आधे बाबू लोग खा लेते थे

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उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ विश्व दिव्यांग दिवस के अवसर पर राज्य स्तरीय पुरस्कार वितरण एवं मेधावी छात्र-छात्राओं के सम्मान हेतु लखनऊ में आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुए, जहां उन्होंने दिव्यांगजन सशक्तीकरण के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले 19 महानुभावों को राज्य पुरस्कार से सम्मानित किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने 40 दिव्यांगों को सहायक उपकरण वितरित किए। कार्यक्रम में 75 से 90 प्रतिशत अंक प्राप्त करने वाले दिव्यांग छात्रों को सम्मानित किया गया। इसके अलावा, 28 युवाओं को कंप्यूटर प्रशिक्षण का प्रमाण पत्र दिया गया।

 

आधा पैसा बाबू खा जाता था

इस दौरान कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, “दिव्यांग किसी से कम नहीं हैं। हमारे यहां अष्टावक्र और सूरदास जैसी अनेक विभूतियां रहीं हैं। आज भी राम भद्राचार्य जैसी आध्यात्मिक विभूति मार्गदर्शन कर रही हैं।” उन्होंने आगे कहा कि “2017 से पहले प्रदेश में केवल 7 से 8 लाख दिव्यांगों को ही पेंशन मिलती थी, वह भी मात्र 300 रुपये, जिसमें से आधा पैसा बाबू खा जाता था और हमने 300 रुपये की राशि को बढ़ाकर 1000 रुपये किया है और अब लाभार्थी के खाते में पैसा भेजा जा रहा है। उत्तर प्रदेश में 11 लाख दिव्यांगजन 12 हजार रुपये प्रतिवर्ष प्राप्त कर रहे हैं। अब बीच का मध्यस्थ गायब है और पैसा सीधे लाभार्थी के खाते में जाता है।”

 

ओबीसी छात्र छात्राओं में करीब 54 करोड़ की छात्रवृत्ति का हस्तांतरण

मुख्यमंत्री योगी द्वारा अन्य पिछड़े वर्ग (OBC) के कक्षा 9-10 के छात्र-छात्राओं को पूर्वदशम छात्रवृत्ति के रूप में 2,53,211 विद्यार्थियों के खातों में पीएफएमएस प्रणाली के माध्यम से कुल 54.38 करोड़ रुपये की राशि हस्तांतरित की गई है। इसके अलावा, दिव्यांगजन शादी प्रोत्साहन योजना के तहत नवविवाहित दिव्यांग दंपत्तियों को 35,000 रुपये की आर्थिक सहायता दी जा रही है और शादी के पंजीकरण की अनिवार्यता को समाप्त कर दिया गया है। शल्य चिकित्सा योजना के तहत कॉक्लियर इम्प्लांट के लिए 6 लाख रुपये की सहायता राशि प्रदान की जा रही है।

 

स्वावलंबन और आत्मनिर्भरता के मॉडल हैं रामचंद्र गुप्ता

सीएम योगी ने कहा कि राजकीय सेवाओं में दिव्यांगों के लिए 4 फीसदी आरक्षण की भी व्यवस्था है। कानपुर देहात के रामचंद्र गुप्ता की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि दिव्यांग होने के बावजूद वे स्वावलंबन और आत्मनिर्भर के मॉ़डल हैं। अपने माध्यम से बच्चों के लिए बड़ा केंद्र का संचालन करते हैं। इससे साबित होता है कि इच्छाशक्ति होगी तो बड़े से बड़ा कार्य किया जा सकता है। दिव्यांगजनों की प्रतिभा व ऊर्जा का सबसे अच्छा उदाहरण पेरिस पैरालंपिक रहा, जिसमें शानदार प्रदर्शन से मेडल की झड़ी लग गई थी। सीएम योगी ने आगे कहा कि सरकारी भवनों व संस्थाओं से कहा गया है कि दिव्यांगजनों के चढ़ने के लिए रैंप बनवाएं। परिवहन निगम की बसों में दिव्यांगों की निःशुल्क यात्रा के लिए 40 करोड़ रुपए की व्यवस्था की गई है। शादी-विवाह के लिए (40 फीसदी वाले दंपती) पति के दिव्यांग होने पर 15 हजार, पत्नी के लिए 20 हजार व दोनों के दिव्यांग होने पर 35 हजार रुपए की सहायता उपलब्ध कराते हैं। दुकान निर्माण के लिए 20 हजार व दुकान, गुमटी, हाथ ठेला संचालन के लिए 10 हजार रुपए अनुदान दिया जा रहा है।

 

सरकार प्रदेश में तमाम संस्थाओं के संचालन में भी मदद कर रही है

सीएम योगी ने कहा कि प्रदेश सरकार की ओर से दिव्यांगजनों के लिए अनेक कार्यक्रम चल रहे हैं। विभिन्न प्रकार की सर्जरी के लिए अनुदान राशि 8 हजार से बढ़ाकर 10 हजार रुपए की गई है। कृत्रिम अंग वितरण, मूकबधिर बच्चों के कॉक्लियर इम्प्लांट सर्जरी के लिए छह लाख रुपये तक की राशि दी गई है। प्रदेश में इस वर्ष 24 सर्जरी हुई है। सरकार प्रदेश में तमाम संस्थाओं के संचालन में भी मदद कर रही है। प्री प्राइमरी से लेकर बचपन डे केयर्स स्थापना के साथ ही मेरठ, बरेली व गोरखपुर में मानसिक मंदित आश्रय गृह सह प्रशिक्षण केंद्र संचालित हैं।

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