विपक्ष द्वारा उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने के मामले में कांग्रेस और भाजपा के बीच तीव्र टकराव देखने को मिल रहा है। इस पर केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए सदन की कार्यवाही शुरू होते ही कहा कि किसान का बेटा उपराष्ट्रपति बना है और पूरे देश ने देखा है कि उसने सदन की गरिमा को बनाए रखा है। अगर विपक्ष ने सभापति की गरिमा पर हमला किया तो हम उसकी रक्षा करेंगे। विपक्ष अध्यक्ष का सम्मान नहीं कर सकते, तो आपको सदस्य बने रहने का कोई अधिकार नहीं है। उन्होंने कहा, “हमने देश की संप्रभुता की रक्षा करने की शपथ ली है।”
ऐसा चेयरमैन मिलना मुश्किल है
रिजिजू ने अमेरिकी अरबपति जॉर्ज सोरोस और कांग्रेस के बीच कथित संबंधों का भी मुद्दा उठाया और आरोप लगाया कि विपक्ष देश विरोधी ताकतों के साथ खड़ा है। उन्होंने कहा, “चेयरमैन के खिलाफ नोटिस दिया गया है, लेकिन ऐसा चेयरमैन मिलना मुश्किल है, जिन्होंने हमेशा गरीबों के कल्याण और संविधान की रक्षा की बात की है। हम नोटिस के नाटक को सफल नहीं होने देंगे।” रिजिजू ने सवाल किया, “सोरोस और कांग्रेस के बीच क्या संबंध है? इसका खुलासा होना चाहिए।” कांग्रेस को देश से माफी मांगनी चाहिए।
विपक्ष की भावना ठीक नहीं है
केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि विपक्ष की भावना ठीक नहीं है। उन्होंने दावा किया कि सोनिया गांधी और जॉर्ज सोरोस के बीच संबंधों की बात अक्सर सामने आती रही है। उन्होंने कहा कि यह रिपोर्ट सरकार द्वारा नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सामने आई है। इतना ही नहीं उन्होंने आगे कहा कि उन्हें शर्म आनी चाहिए कि वे भारत के खिलाफ काम करने वालों के साथ तालमेल रखते हैं।
जो सोरोस कहते हैं, वही विपक्ष दोहराता है
उन्होंने आगे कहा कि “जो सोरोस कहते हैं, वही विपक्ष दोहराता है, जबकि यह समय भारत के समर्थन में एकजुट होने का है।” रिजिजू ने आगे कहा कि विपक्ष भारत विरोधियों के साथ खड़ा होता है और संसद के चेयरमैन के खिलाफ नोटिस देता है। उन्होंने उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ की तारीफ करते हुए कहा कि ऐसा चेयरमैन मिलना मुश्किल है, जिन्होंने अपने पद पर रहते हुए हमेशा किसानों और संविधान की रक्षा के लिए पहल की है।
संप्रभुता के मुद्दे से देश का ध्यान भटकाने की साजिश
इस मामले पर राज्यसभा में केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा ने कहा कि हमारे सांसद सोनिया गांधी और सोरोस के बीच संबंधों का मुद्दा उठाते रहे हैं। यह देश की संप्रभुता का सवाल है। सभापति के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाना देश की संप्रभुता के मुद्दे से देश का ध्यान भटकाने की साजिश है। इसकी सभी को निंदा करनी चाहिए। उन्होंने ( विपक्षियों) ने कभी भी सभापति का सम्मान नहीं किया हैं।