केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने छत्तीसगढ़ दौरे के दौरान बस्तर में, सरेंडर कर चुके नक्सलियों के एक ग्रुप से मुलाकात की। शाह ने इस दौरान कहा कि सरकार के प्रयासों के सफल होने के कारण आज वह खुद को सबसे ज्यादा खुश मानते हैं। उन्होंने पूर्व नक्सलियों से कहा, ‘‘मैं आज सबसे ज्यादा खुश हूं, आपसे या आपके परिवार से भी ज्यादा, क्योंकि आपको आत्मसमर्पण करने और मुख्यधारा में शामिल होने के लिए मनाने का हमारा प्रयास सफल हुआ है।’’
छह राज्यों से 30 नक्सली और विद्रोही हुए शामिल
बता दें कि इस कार्यक्रम में छह राज्यों- छत्तीसगढ़, ओडिशा, महाराष्ट्र, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और असम के आत्मसमर्पण करने वाले लगभग 30 नक्सली और विद्रोही शामिल हुए। शाह ने कहा कि भले ही यह छोटा कार्यक्रम हो सकता है, लेकिन बहुत महत्वपूर्ण है। मुझे बहुत संतुष्टि हो रही है कि देश के युवा हमारी अपील का जवाब दे रहे हैं, हिंसा की निरर्थकता को समझ रहे हैं और आत्मसमर्पण कर रहे हैं।’’
गृह मंत्री पद की जिम्मेदारी मिलने के बाद क्या सोचा?
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2019 में उन्हें गृह मंत्रालय की जिम्मेदारी दी, तो उन्होंने यह विचार किया कि जो लोग सशस्त्र आंदोलनों में शामिल हैं, उन्हें हथियार डालने और शांतिपूर्ण जीवन जीने का अवसर मिलना चाहिए। उन्होंने बताया, “हमारी पहल के परिणामस्वरूप, पूर्वोत्तर में 20 शांति समझौतों पर हस्ताक्षर हुए और 9,000 उग्रवादियों ने आत्मसमर्पण किया।” केंद्र ने आत्मसमर्पण करने वाले उग्रवादियों और नक्सलियों के लिए पुनर्वास नीतियां बनाई हैं, जिसमें हिंसा में घायल होने वाले लोग भी शामिल हैं।
सरकार आपकी आवश्यकताओं का पूरा ध्यान रखेगी
गृह मंत्री अमित शाह ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों के लिए 15,000 घरों की स्वीकृति दी है। इसके साथ ही, राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड उन परिवारों को कम से कम एक गाय या भैंस प्रदान करेगा, जिससे वे हर महीने 15,000 रुपये से 20,000 रुपये कमा सकें। शाह ने यह भी कहा, “आप सभी को अपने पूर्व साथियों को यह संदेश देना चाहिए कि हिंसा आगे बढ़ने का रास्ता नहीं है। सभी नक्सलियों को आत्मसमर्पण करना चाहिए और सरकार उनकी आवश्यकताओं का पूरा ध्यान रखेगी।”
सरकार करेगी 2036 में अहमदाबाद में ओलंपिक की मेज़बानी
गृह मंत्री अमित शाह ने आत्मसमर्पण करने वाले उग्रवादियों से यह भी कहा कि वे केंद्रीय गृह सचिव को एक साधारण पोस्टकार्ड भेजकर अपनी समस्याएं साझा करें और सरकार उनकी समस्याओं का समाधान करेगी। उन्होंने यह भी बताया कि सरकार 2036 में अहमदाबाद में ओलंपिक खेलों की मेजबानी की तैयारी कर रही है। इसके तहत, 2025 की शुरुआत में लगभग 35,000 युवाओं को प्रशिक्षित किया जाएगा ताकि भारत अधिक से अधिक पदक जीत सके। उन्होंने कहा, ‘‘मैं चाहता हूं कि 2036 के ओलंपिक में बस्तर से कोई कम से कम एक पदक जीते।’’ शाह के साथ बातचीत में पूर्व नक्सलियों ने बताया कि वे पुलिस और निजी क्षेत्र में नौकरियों तथा अपना उद्यम शुरू करने के लिए बैंक ऋण सहित विभिन्न सरकारी योजनाओं से किस तरह लाभान्वित हो रहे हैं।
31 मार्च 2026 तक नक्सल समस्या समाप्त
इस साल सुरक्षा बलों के ऑपरेशनों में बड़ी संख्या में नक्सली मारे गए हैं, जिससे शाह की आत्मसमर्पण की अपील और भी महत्वपूर्ण हो गई है। इस साल 287 नक्सली मारे गए, 837 ने आत्मसमर्पण किया और 1000 से अधिक नक्सलियों को गिरफ्तार किया गया। शाह ने स्पष्ट किया कि 31 मार्च 2026 तक नक्सल समस्या को समाप्त करने के लिए सरकार पूरी तरह प्रतिबद्ध है और सुरक्षा बलों का ऑपरेशन जारी रहेगा। उनका संदेश साफ है, नक्सलियों के पास आत्मसमर्पण के अलावा कोई विकल्प नहीं अन्यथा उन्हें सुरक्षा बलों के हाथों मरने के लिए तैयार रहना होगा।