जम्मू-कश्मीर के रियासी से एक बड़ी खबर आ रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 19 अप्रैल को उधमपुर-श्रीनगर-बारामुल्ला रेल लिंक (USBRL) परियोजना का उद्घाटन करेंगे। इसके साथ ही भारत कन्याकुमारी से कश्मीर तक पूर्ण रेल संपर्क प्राप्त कर लेगा। यह परियोजना कटरा से संगलदान तक 272 किलोमीटर तक फैली हुई है। इस चरण का एक मुख्य आकर्षण प्रतिष्ठित चिनाब ब्रिज को शामिल करना है, जो दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे आर्च ब्रिज है। यह पुल दिल्ली को कटरा के रास्ते कश्मीर से रेल नेटवर्क के ज़रिए जोड़ता है।
हर भारतीय का सपना होगा साकार
रेलवे बोर्ड के कार्यकारी निदेशक (ईडी/आईपी) दिलीप कुमार ने 10 अप्रैल को यूएसबीआरएल परियोजना की जानकारी साझा की। उन्होंने बताया कि यह परियोजना कुल 272 किलोमीटर लंबी है, जिसमें से 119 किलोमीटर सुरंगों का निर्माण किया गया है। उन्होंने कहा, “हर भारतीय का सपना था कि कश्मीर तक ट्रेन पहुँचे, और अब यह सपना साकार होने जा रहा है। हमने इसके लिए व्यापक तैयारियाँ की हैं और अब यह सेक्शन पूरी तरह तैयार है।” उन्होंने आगे कहा कि यह पूरा इलाका धार्मिक दृष्टि से, पर्यटन की दृष्टि से और कनेक्टिविटी के लिहाज़ से अत्यंत महत्वपूर्ण है। इस परियोजना के माध्यम से कश्मीर को देश के अन्य हिस्सों से बेहतर रूप से जोड़ा जा सकेगा, जिससे क्षेत्र का विकास और समृद्धि सुनिश्चित होगी।
उद्घाटन के दिन चलेगी दो वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार उद्घाटन के दिन दो वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनें चलायी जाएँगी। एक ट्रेन श्रीनगर से चलेगी, जबकि दूसरी कटरा से श्रीनगर तक जाएगी। रेलवे बोर्ड के कार्यकारी निदेशक ने बताया कि परियोजना के शुभारंभ के साथ ही हम दो वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनें चलाने की योजना बना रहे हैं। एक ट्रेन श्रीनगर से शुरू होगी, और दूसरी कटरा से श्रीनगर तक जाएगी, जिससे यात्रा और कनेक्टिविटी को और बेहतर किया जाएगा।
अंजी खाद और चेनाब पुल से होगा गुजरेगी ट्रेन
23 जनवरी को भारतीय रेलवे ने श्री माता वैष्णो देवी कटरा (SVDK) रेलवे स्टेशन से श्रीनगर रेलवे स्टेशन तक पहली वंदे भारत ट्रेन का ट्रायल रन किया। यह ट्रेन अंजी खाद पुल से होकर गुजरेगी, जो भारत का पहला केबल-स्टेयड रेलवे पुल है और चेनाब पुल से भी गुजरते हुए कश्मीर घाटी तक पहुंचेगी, जो दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे पुल है। इस ट्रेन को कश्मीर की ठंडी जलवायु को ध्यान में रखते हुए डिजाइन किया गया है, जिससे यात्रियों को ठंड से बचने के लिए विशेष इंतजाम किए गए हैं।
यह पुल इंजीनियरिंग का अद्भुत नमूना
यह पुल इंजीनियरिंग का एक अद्भुत नमूना है। इसे बनाना अत्यधिक चुनौतीपूर्ण था, लेकिन इंजीनियरों ने अपनी मेहनत और कौशल से इसे सफलतापूर्वक पूरा किया। यह पुल भारत की शक्ति और क्षमता का प्रतीक है। इस परियोजना से कश्मीर में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, क्योंकि पर्यटक इस पुल को देखने के लिए आकर कश्मीर की प्राकृतिक सुंदरता का आनंद लेंगे। इसके साथ ही, कश्मीर की अर्थव्यवस्था को भी इसका लाभ मिलेगा।