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जयपुर की मिठाइयों के नाम से ‘पाक’ हटाकर ‘श्री’ जोड़ा गया

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भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव अब सिर्फ सीमा या कूटनीतिक संबंधों तक सीमित नहीं रह गए हैं, बल्कि इसका असर अब रोजमर्रा की जिंदगी और स्थानीय बाजारों में भी दिखने लगा है। राजस्थान की राजधानी जयपुर में मिठाई की दुकानों में देशभक्ति की एक अनोखी लहर चल पड़ी है। दुकानदार अब अपनी मिठाइयों के नाम में ‘पाक’ शब्द की जगह ‘श्री’ शब्द लिख रहे हैं। उदाहरण के लिए, ‘मोती पाक’ को अब ‘मोती श्री’, ‘आम पाक’ को ‘आम श्री’, ‘गोंड पाक’ को ‘गोंड श्री’ और ‘मैसूर पाक’ को ‘मैसूर श्री’ के नाम से बेचा जाएगा। यह बदलाव सिर्फ नाम तक ही सीमित नहीं है, बल्कि इस फैसले के पीछे छिपी देशभक्ति की भावना को भी दर्शाता है।

 

ग्राहकों ने किया था नाम बदलने का अनुरोध

दुकानदारों का कहना है कि हाल के दिनों में कई ग्राहक मिठाइयों के नाम से ‘पाक’ शब्द हटाने का अनुरोध कर रहे थे, क्योंकि यह शब्द उन्हें पाकिस्तान की याद दिलाता है और मौजूदा परिस्थितियों में असहज करता है। इस पर दुकानदारों ने आपस में चर्चा कर नाम बदलने का निर्णय लिया। अब ‘बीकानेरी मोती पाक’ को ‘बीकानेरी मोती श्री’, ‘चांदी भस्म पाक’ को ‘चांदी भस्म श्री’ और ‘स्वर्ण भस्म पाक’ को ‘स्वर्ण भस्म श्री’ के नाम से बेचा जा रहा है। ग्राहक इस बदलाव को देशभक्ति का प्रतीक मानते हुए इसे बहुत पसंद कर रहे हैं। उनका कहना है कि मिठाई के नाम में ‘श्री’ जैसा भारतीय शब्द सुनकर एक सुकून और गर्व की भावना होती है, जो देश के प्रति सकारात्मक कदम का अहसास कराता है।

 

राजस्थान के मिठाई व्यापारियों ने ‘पाक’ शब्द हटाने का किया समर्थन

स्वीट्स एसोसिएशन के कई सदस्य भी इस नाम परिवर्तन का समर्थन कर रहे हैं और जल्द ही पूरे राजस्थान में मिठाइयों के पारंपरिक नामों से ‘पाक’ शब्द हटाकर ‘श्री या ‘भारत’ जैसे शब्द जोड़े जा सकते हैं। खास बात यह है कि यह निर्णय केवल मिठाई व्यापारियों द्वारा नहीं लिया गया, बल्कि ग्राहकों की मांग और देशप्रेम की भावना ने इसे जन्म दिया। लोग इस बदलाव को सिर्फ नाम बदलने तक सीमित नहीं मानते, बल्कि इसे एक मानसिक और भावनात्मक संतुलन का प्रतीक भी समझ रहे हैं। जयपुर के कई प्रमुख हलवाई और कैटरिंग संचालक इस पहल का समर्थन कर रहे हैं और जल्द ही वे भी अपनी मिठाइयों के नाम देशभक्ति से जुड़े नए नामों से बदलेंगे।

 

सोशल मीडिया पर भी चर्चा का विषय बना ये मामला

सोशल मीडिया पर भी इस बदलाव की व्यापक चर्चा हो रही है, जहां लोगों ने दुकानदारों के इस कदम की खूब प्रशंसा की है। साफ किया गया है कि यह कोई मार्केटिंग रणनीति नहीं, बल्कि देशप्रेम और वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए लिया गया भावनात्मक फैसला है। जबकि ‘पाक’ शब्द का मूल अर्थ ‘पकाया हुआ’ या ‘पकवान’ होता है, लेकिन मौजूदा राजनीतिक और सामाजिक संदर्भों में लोग इसे पाकिस्तान से जोड़ने लगे हैं, जिससे यह नाम मिठाइयों के लिए स्वीकार्य नहीं रहा। इसी कारण ‘मोती पाक’, ‘मैसूर पाक’, ‘गाजर पाक’, ‘गोंद पाक’ और ‘आम पाक’ जैसी पारंपरिक मिठाइयों के नाम अब नए रूप में सामने आ रहे हैं।

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