एक तरफ भारत पाकिस्तान को रोजाना धमकियां देता नजर आता है, वहीं दूसरी तरफ पाकिस्तान की धमकियां कभी खत्म नहीं होतीं। ईरान में प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने घोषणा की कि वह भारत के साथ बातचीत के लिए तैयार हैं और उन्होंने कश्मीर, सिंधु जल संधि और आतंकवाद समेत सभी मुद्दों पर सीधी बातचीत करने की इच्छा जताई। उन्होंने कहा, “हम कश्मीर विवाद और जल मुद्दों के साथ-साथ अन्य सभी विवादों को बातचीत के जरिए सुलझाना चाहते हैं और हम अपने पड़ोसी के साथ व्यापार और आतंकवाद विरोधी मुद्दों पर भी चर्चा करने के लिए तैयार हैं।”
हम गंभीरता से और ईमानदारी से वास्तव में शांति चाहते हैं
शहबाज शरीफ ने कहा, ‘‘अगर भारत आक्रामक बने रहना चुनते हैं तो हम अपने क्षेत्र की रक्षा करेंगे, जैसा कि हमने कुछ दिन पहले किया है। लेकिन अगर शांति के मेरे प्रस्ताव को स्वीकार करते हैं तो हम दिखा देंगे कि हम गंभीरता से और ईमानदारी से वास्तव में शांति चाहते हैं।”
शहबाज ने फिर किया फर्जी जीत का दावा
शहबाज शरीफ ने एक बार फिर फर्जी दावा किया कि उनका देश भारत के साथ चार दिन तक चले युद्ध में विजयी’ रहा है। शरीफ ने पाकिस्तान और भारत के बीच हाल ही में हुए सैन्य संघर्ष के दौरान पेजेशकियन की ओर से चिंता जताए जाने की सराहना की। उन्होंने सैन्य तनाव के दौरान पाकिस्तान का दौरा करने के लिए ईरानी विदेश मंत्री अब्बास अराघची की भी सराहना की और उन्हें एक ‘उत्कृष्ट राजनयिक” बताया।
पाकिस्तान से बातचीत पर क्या है भारत का दो टूक रुख?
भारत ने अपना रुख स्पष्ट करते हुए कहा है कि वह पाकिस्तान से केवल पीओके की वापसी और आतंकवाद पर ही बातचीत करेगा। भारत पड़ोसी देश से बेहतर संबंध चाहता है, लेकिन पाकिस्तान की ओर से जारी आतंकी गतिविधियां इस प्रक्रिया में सबसे बड़ी बाधा हैं। हाल ही में हुए पहलगाम हमले के बाद दोनों देशों के बीच तनाव इतना बढ़ा कि स्थिति सैन्य संघर्ष तक पहुंच गई, जिसे डीजीएमओ स्तर की बातचीत के बाद शांत किया गया। इसके बाद भारत ने साफ कहा कि अब पाकिस्तान से सिर्फ पीओके और आतंकवाद पर ही बातचीत होगी।