राम मंदिर के भव्य उद्घाटन समारोह के लिए बड़ी तेजी के साथ तैयारी हो रही हैं। साधु संतों के साथ साथ राजनीतिक लोगों को भी राम मंदिर उद्घाटन का निमंत्रण दिया जा चुका है। सत्ता पक्ष के साथ साथ विपक्षी पार्टियों के नेताओं को भी ट्रस्ट की ओर से निमंत्रण पत्र भेजा गया है। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी सहित कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अधीरंजन चौधरी को भी ट्रस्ट ने निमंत्रण पत्र भेजा था, लेकिन कांग्रेस पार्टी ने इस निमंत्रण को अस्वीकार कर दिया है। भारतीय जनता पार्टी ने इसको लेकर कांग्रेस पर निशाना साधा है।
कांग्रेस ने ठुकराया न्यौता
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष द्वारा राम मंदिर का न्यौता अस्वीकार कर दिया गया है। हालांकि बीते कई दिनों से राम मंदिर जाने को लेकर अटकलें तेज हो गई थीं। राम मंदिर उद्घाटन में शामिल न होने के कारण का जिक्र करते हुए कांग्रेस पार्टी ने बयान देते हुए कहा, “धर्म एक व्यक्तिगत मामला है, लेकिन भाजपा और उसका मूल संगठन राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ अयोध्या में मंदिर को लंबे समय से एक राजनीतिक परियोजना बनाए हुए है।”
लोकसभा चुनाव में जनता विपक्षी दल का करेगी बहिष्कार
अयोध्या में भगवान श्रीराम के मंदिर उद्घाटन समारोह में कांग्रेस नेताओं के न पहुंचने के फैसले पर केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कांग्रेस पर निशाना साधा है। केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा, “आगामी लोकसभा चुनाव में जनता विपक्षी दल का बहिष्कार करेगी।” वहीं इस दौरान उन्होंने कहा, “कांग्रेस ने बाबरी मस्जिद के पुनर्निर्माण का भी वादा किया था। कांग्रेस का स्वभाव, चरित्र और चेहरा कभी नहीं बदल सकता है। ये वही कांग्रेस है, जिसने शपथ पत्र देकर श्री राम को काल्पनिक बताया था।”
केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने भी कांग्रेस को घेरा
कांग्रेस नेताओं द्वारा राम मंदिर उद्घाटन के निमंत्रण को अस्वीकार किए जाने की केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने भी निंदा की है। उन्होंने कहा, “यह उनकी भगवान राम के प्रति आस्था की कमी को दर्शाता है। सोनिया गांधी ने 22 जनवरी के समारोह का निमंत्रण अस्वीकार कर दिया है। हम उनसे इससे कुछ अलग की क्या उम्मीद कर सकते हैं।” वहीं इस दौरान उन्होंने सोनिया गांधी की राम के प्रति आस्था को लेकर बयान देते हुए कहा, “उनकी राम में आस्था नहीं है, ये उन्होंने प्रमाणित किया।”