उत्तर प्रदेश में इन दिनों समान नागरिक संहिता को लेकर खूब चर्चाएं हो रही हैं। दरअसल समान नागरिक संहिता को लेकर देश भर में काफी समय से संसद में बिल पेश किए जाने की मांग उठ रही है, लेकिन अभी तक लोकसभा में समान नागरिक संहिता को लेकर बिल पेश नहीं किया गया हैं। हालांकि अब राज्य अपने स्तर से अपने प्रदेश में समान नागरिक संहिता लागू करने पर विचार कर रहे हैं। जहां अब उत्तर प्रदेश का नाम भी सामने आने लगा है। उत्तर प्रदेश में काफी पहले से ही समान नागरिक संहिता लागू करने की मांग उठाई जा रही थी। जहां अब राज्य विधि आयोग की सहमति इस मांग को पूरी करती हुई दिखाई दे रही है।
राज्य विधि आयोग की सहमति के बाद चर्चा में यूसीसी
समान नागरिक संहिता को लेकर उत्तर प्रदेश विधि आयोग पहले ही अपनी सहमति जता चुका है। जहां आयोग ने सहमति जताते हुए कहा था कि आपराधिक कानून की तरह राज्य में समान नागरिक संहिता को ऐसे लागू करें, कि समान नागरिक संहिता सभी धर्म में स्वीकार हो। वहीं अब राज्य विधि आयोग यूसीसी को लेकर फिर से एक्टिव होता दिख रहा है। ऐसा माना जा रहा है कि यूपी विधि आयोग अब जल्द ही प्रदेश की योगी सरकार को नए सिरे के साथ यूसीसी लागू करने की सिफारिशें सौंप सकता है।
राज्य विधि आयोग पहले भी सौंप चुका है रिपोर्ट
समान नागरिक संहिता को लेकर राज्य विधि आयोग उत्तर प्रदेश प्रशासन के साथ अपनी रिपोर्ट पहले ही साझा कर चुका है। जहां आयोग ने कॉमन सिविल कोड लागू करना सरकार की जिम्मेदारी बताया था। दरअसल समान नागरिक संहिता को लेकर राष्ट्रीय विधि आयोग ने इससे संबंधित विषयों जैसे कि हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई, बौद्ध, पारसी समेत अन्य धर्म में शादी, तलाक, संपत्ति बंटवारा, उपहार और गोद लेने जैसे कई मुद्दों की मौजूदा स्थिति को लेकर उत्तर प्रदेश समेत कई राज्य सरकारों से रिपोर्ट मांगने के साथ साथ सुझाव भी मांगे थे। जहां इसके बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य विधि आयोग से राय मांगी और रिपोर्ट सबमिट करने को कहा। राज्य विधि आयोग ने रिपोर्ट सबमिट करते हुए कहा था कि संविधान के अनुच्छेद 37 के तहत, कॉमन सिविल कोड लागू करना सरकार की जिम्मेदारी है। यानी की आयोग पूरी तरफ यूसीसी के पक्ष में है।
विधानसभा में करना होगा पेश
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार अगर प्रदेश में समान नागरिक संहिता लागू करना चाहती है, तो योगी सरकार को विधानसभा में पहले बिल पेश करना होगा। हालांकि उम्मीद जताई जा रही है कि योगी सरकार जल्द ही यूसीसी को लेकर विधानसभा में बिल पेश कर सकती है। वहीं उत्तर प्रदेश में बीजेपी के पास बहुमत भी है। ऐसे भी बीजेपी समान नागरिक संहिता बिल को कानून भी बना सकती है।