इसरो के चेयरमैन वी. नारायणन ने बताया कि देश की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए रणनीतिक उद्देश्यों के लिए इसरो के उपग्रह लगातार निगरानी कर रहे हैं। उन्होंने कहा, “रणनीतिक लक्ष्यों को पूरा करने और हमारे नागरिकों की सुरक्षा के लिए कम से कम 10 उपग्रह चौबीसों घंटे काम कर रहे हैं।”
पूरे पूर्वोत्तर क्षेत्र की निरंतर निगरानी शामिल
उन्होंने कहा, “आप सभी हमारे पड़ोसी देशों के बारे में जानते हैं। ऐसे में हमें देश की सुरक्षा के लिए उपग्रह निगरानी पर निर्भर रहना चाहिए। हम लगभग 7,000 किलोमीटर के क्षेत्र को कवर कर रहे हैं, जिसमें पूरे पूर्वोत्तर क्षेत्र की निरंतर निगरानी शामिल है। उपग्रहों और ड्रोन के समर्थन के बिना यह संभव नहीं होगा।”
जी20 देशों के लिए एक विशेष उपग्रह विकसित कर रहा है
उनकी यह टिप्पणी भारत और पाकिस्तान के बीच चल रहे सैन्य तनाव की पृष्ठभूमि में आई है। देश ने सात मई की सुबह ‘ऑपरेशन सिंदूर’ शुरू किया था, जिसका उद्देश्य पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में पाकिस्तान और उसके कब्जे वाले कश्मीर में स्थित आतंकी ठिकानों को नष्ट करना था। इसी बीच इसरो चीफ ने बताया कि इसरो जी20 देशों के लिए एक विशेष उपग्रह विकसित कर रहा है, जिसका उद्देश्य जलवायु, वायु प्रदूषण और मौसम की निगरानी करना है।
22 अप्रैल को हुआ था जम्मू कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमला
22 अप्रैल को जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 निर्दोष लोगों की हत्या कर दी गई थी। इसके बाद भारत और पाकिस्तान में संघर्ष छिड़ गया। भारत ने 6-7 मई की मध्य रात्रि सटीकता से हमला करते हुए पाकिस्तान में नौ आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया। भारत के हमले में कई आतंकियों के मारे जाने की खबर है। इसके बाद पाकिस्तान ने भारत के कई शहरों को निशाना बनाने की नाकाम कोशिश की, लेकिन भारत के आगे उसकी एक न चली। 10 मई शनिवार शाम को दोनों देशों के बीच संघर्ष विराम पर सहमति बनी। रविवार को तीनों सेनाओं के डीजीएमओ ने प्रेस ब्रीफिंग कर ऑपरेशन सिंदूर से हासिल किए गए लक्ष्यों की जानकारी दी।