योगी सरकार ने उत्तर प्रदेश के 39 हजार सरकारी कर्मचारियों की सितंबर महीने की सैलरी रोकने का निर्णय लिया है। दरअसल ये वह कर्मचारी है जिन्होंने अपनी प्रॉपर्टी का ब्यौरा नहीं दिया है। बता दें कि इसके लिए 30 सितंबर तक की लास्ट डेट तय की गई थी।
कितने कर्मचारियों ने जमा किया ब्यौरा
उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रदेश के सभी 90 विभागों के कर्मचारियों को अपने संपत्ति का विवरण मानव संपदा पोर्टल पर अपलोड करने का आदेश दिया था। बताया जा रहा है कि यूपी के आठ लाख 27 हजार 583 सरकारी कर्मचारियों में से केवल 7 लाख 88 हजार 506 कर्मचारियों ने ही प्रॉपर्टी डिटेल सौंपी है। 39 हजार 77 कर्मचारियों ने अंतिम तिथि बीत जाने के बावजूद भी संपत्ति विवरण नहीं अपलोड किया है।
इन विभाग के कर्मचारियों से मांगा गया था विवरण
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार जिन विभागों से संपत्ति का ब्यौरा मांगा गया था, उनमें टेक्सटाइल, सैनिक कल्याण, ऊर्जा, खेल, कृषि और महिला कल्याण विभाग, बेसिक शिक्षा, उच्च शिक्षा, चिकित्सा स्वास्थ्य, औद्योगिक विकास और राजस्व विभाग शामिल हैं।
कई बार बढ़ चुकी है डेडलाइन
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने कई बार समय सीमा बढ़ाई थी। पिछले साल अगस्त के बाद दिसंबर और फिर इस साल जून तक टाइम लिमिट बढ़ाई गई थी। 6 जून को राज्य सरकार ने समय सीमा 30 जून तक बढ़ाते हुए कहा कि संपत्ति की जानकारी नहीं देने वालों के खिलाफ उत्तर प्रदेश सरकारी सेवक (अनुशासन और अपील) नियमावली-1999 के तहत अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। लेकिन इसके बाद एक बार फिर डेडलाइन 31 अगस्त कर दी गई। इसके बाद डेडलाइन बढ़ाकर 30 सितंबर कर दी गई। इसके बावजूद भी 39 हजार कर्मचारियों ने अभी तक प्रॉपर्टी का विवरण नहीं सौंपा है।