प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर राहुल गांधी द्वारा दिए गए विवादित बयान पर भारतीय जनता पार्टी बड़ा पलटवार कर रही है। भारतीय जनता पार्टी ने पहले राहुल गांधी से माफी की मांग की थी, लेकिन अब भारतीय जनता पार्टी ने राहुल गांधी के खिलाफ चुनाव आयोग का दरवाजा खटखटाया है। भारतीय जनता पार्टी राहुल गांधी के बयान पर चुनाव आयोग से मांग कर रही है कि चुनाव आयोग राहुल गांधी के खिलाफ कार्यवाही करे।
राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे के खिलाफ की शिकायत
भारतीय जनता पार्टी ने कांग्रेस सांसद राहुल गांधी और कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के खिलाफ चुनाव आयोग का दरवाजा खटखटाया है। भाजपा के केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया, भाजपा नेता ओम पाठक और राधा मोहन दास अग्रवाल ने दोनों नेताओं के विवादित बयान पर चुनाव आयोग से कार्यवाही की मांग की। बता दें कि राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ‘पनौती’ कहा था। वहीं मल्लिकार्जुन खड़गे ने प्रधानमंत्री पर आरोप लगाते हुए कहा था कि मोदी जब गुजरात के मुख्यमंत्री थे, उस समय उनकी जाति को ओबीसी सूची में शामिल किया गया था। इस दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री को ‘झूठों का सरदार’ भी कहा था।
भाजपा सांसद रविशंकर प्रसाद ने भी बोला हमला
राहुल गांधी के विवादित बयान पर भाजपा सांसद रविशंकर प्रसाद ने राहुल गांधी से माफी की मांग की थी। उन्होंने राहुल गांधी के बयान की निंदा करते हुए इसे शर्मनाक बयान बताया था। राहुल गांधी के विवादित बयान पर जवाब देते हुए रविशंकर प्रसाद ने कहा, ‘‘उन्होंने अपना असली रंग दिखा दिया है, लेकिन उन्हें याद रखना चाहिए कि उनकी मां सोनिया गांधी के गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री मोदी को ‘मौत का सौदागर’ कहे जाने के बाद कांग्रेस गुजरात में कैसे डूब गई थी।”
एक बार हो चुकी है राहुल गांधी पर कार्यवाही
कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी पर ऐसे विवादित बयान को लेकर पहले भी कार्यवाही हो चुकी है। राहुल गांधी ने 2019 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मोदी उपनाम को लेकर विवादित बयान देते हुए कहा था “सारे मोदी चोर होते हैं।” राहुल गांधी के इस बयान पर भाजपा नेता पूर्णेश मोदी ने राहुल के खिलाफ मानहानि का केस डाल दिया था, जिसके बाद राहुल गांधी पर कोर्ट ने 2 साल की सजा का ऐलान किया था। कोर्ट के आदेश के बाद राहुल गांधी को सांसद के पद से हाथ धोना पड़ा था। हालांकि बाद में सुप्रीम कोर्ट ने मामले पर स्टे लगा दिया।