सनातन धर्म को लेकर विवादित टिप्पणी करने के चलते चर्चाओं में रहने वाले डीएमके नेता उदयनिधि स्टालिन ने सनातन धर्म के बाद अब राम मंदिर को लेकर विवादित बयान दिया है। बता दें कि 22 जनवरी को अयोध्या में भगवान श्रीराम के मंदिर का उद्घाटन है, लेकिन उससे पहले तमाम विपक्षी पार्टियों द्वारा राम मंदिर को लेकर भारतीय जनता पार्टी पर हमला बोला जा रहा है। इस कड़ी में उदयनिधि स्टालिन ने भारतीय जनता पार्टी और आरएसएस पर निशाना साधते हुए मंदिर बनाए जाने का विरोध किया है।
मंदिर बनाने का नहीं करते समर्थन
डीएमके नेता उदयनिधि स्टालिन जी राम मंदिर उद्घाटन को लेकर विवादित बयान देते हुए कहा है कि मस्जिद ध्वस्त करके बनाया गए मंदिर का वह समर्थन नहीं करते हैं। उन्होंने अपने बयान में कहा, “जैसा कि हमारे नेता ने कहा था कि धर्म और राजनीति को न मिलाएं। हम किसी भी मंदिर निर्माण के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन हम उस स्थान पर मंदिर बनाने का समर्थन नहीं करते हैं। जहां एक मस्जिद को ध्वस्त किया गया था।
सनातन धर्म को लेकर भी दिया था विवादित बयान
उदयनिधि स्टालिन का यह पहला विवादित बयान नहीं है। इससे पहले उदयनिधि स्टालिन सनातन धर्म को लेकर भी कई विवादित बयान दे चुके हैं। बीते साल उदयनिधि स्टालिन ने सनातन धर्म की तुलना डेंगू और कोरोना वायरस से की थी। उन्होंने कहा था कि सनातन धर्म डेंगू, मलेरिया और कोरोना की तरह है, जिसका महज विरोध नहीं किया जा सकता बल्कि इसे खत्म किया जाना चाहिए। डीएमके नेता के इस विवादित बयान का काफी विरोध हुआ था।
सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के खिलाफ क्यों बोल रहे उदयनिधि स्टालिन
अयोध्या में भगवान श्रीराम के मंदिर का उद्घाटन होना है, लेकिन उससे पहले डीएमके नेता उदयनिधि स्टालिन सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का विरोध कर रहे हैं। बता दें कि अयोध्या में राम जन्मभूमि विवाद को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए निर्णय दिया था कि विवादित जमीन रामलला की है और उस स्थान पर मंदिर बनाया जा सकता है, लेकिन डीएमके नेता बिना तर्क और सबूत के राम मंदिर को लेकर विवादित बयान दे रहे हैं।