बांग्लादेश में तख्ता पलट का सीधा असर भारत पर देखने को मिल है। और इसके साथ ही भारत की मदद से बांग्लादेश में चल रही परियोजनाएं भी प्रभावित हुई हैं। मो. यूनुस की अगुवाई में जो नई व्यवस्था बनी है, उसमें कट्टरपंथी की ताकतों के हौसले बढ़ गए हैं। इसी वजह से अब भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने भी इस पर अपनी बात रखी हैं। विदेश मंत्री ने पहली बार इन मुद्दों पर खुल कर बात की हैं। उन्होंने कहा कि “बांग्लादेश में हुए बदलाव बहुत विनाशकारी साबित हो सकते हैं।”
क्या बोले एस. जयशंकर?
बांग्लादेश की खराब स्थिति को देखते हुए विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि “बांग्लादेश में हुए बदलाव बहुत विनाशकारी साबित हो सकते हैं।”नए हालात में भारत की मदद वाली विकास परियोजनाओं को वहां बाधित किया जा रहा है।” उन्होंने कहा कि “शेख हसीना के प्रधानमंत्री पद छोड़कर भारत आने के बाद से बांग्लादेश में स्थितियां लगातार खराब हुईं।” आगे कहा “हमें यह भी मानना होगा कि राजनीतिक परिवर्तन होते हैं और वे विघटनकारी हो सकते हैं।”
क्या बोले विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता?
इसी कड़ी में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने भी अपने बात रखी। उन्होंने कहा कि “बांग्लादेश में उथल-पुथल के कारण द्विपक्षीय परियोजनाएं प्रभावित हुई हैं।” इन्हीं परियोजनाओं पर उठे सवालों का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि “हां, बांग्लादेश में उथल-पुथल के कारण हमारी परियोजनाएं प्रभावित हुई हैं। मैं आपको बता दूं कि बांग्लादेश के साथ हमारी विकास सहयोग गतिविधियां बांग्लादेश के लोगों के कल्याण के लिए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने स्वतंत्रता दिवस के भाषण में भी कहा था कि भारत बांग्लादेश की विकास यात्रा में हमेशा एक शुभचिंतक रहेगा।”
स्वतंत्रता दिवस पर बोले थे पीएम मोदी “भारत बना रहेगा शुभचिंतक”
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उम्मीद जताई थी कि हिंसा प्रभावित बांग्लादेश में हालात जल्द ही सामान्य होंगे। उन्होंने 15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस के मौके पर कहा था कि “140 करोड़ भारतीय पड़ोसी देश में हिंदुओं और अल्पसंख्यकों की सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं।” उन्होंने आगे कहा था कि “भारत शांति के लिए प्रतिबद्ध है और वह बांग्लादेश की विकास यात्रा में उसका शुभचिंतक बना रहेगा।”