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16वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए रूस जाएंगे पीएम मोदी

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के निमंत्रण पर 22-23 अक्टूबर को ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए रूस जाएंगे। यह सम्मेलन रूस के कजान में आयोजित होगा। भारत और रूस के संबंध दशकों से मजबूत हैं, विशेषकर रक्षा और ऊर्जा क्षेत्रों में। पीएम मोदी की इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य द्विपक्षीय सहयोग को बढ़ाना और विभिन्न क्षेत्रों में साझेदारी को मजबूत करना है। यह पीएम मोदी की रूस की दूसरी यात्रा है, क्योंकि उन्होंने जुलाई में भी दो दिन की यात्रा की थी। इस बार, वह ब्रिक्स के सदस्य देशों के नेताओं के साथ द्विपक्षीय बैठकें भी कर सकते हैं।

 

भारत और रूस के बीच मित्रता

भारत और रूस के संबंधों ने अतीत में कई चुनौतियों का सामना किया है, फिर भी दोनों देशों के बीच मित्रता आज पहले से कहीं अधिक मजबूत है। आर्थिक मोर्चे पर, रूस दशकों से भारत का सबसे बड़ा हथियार सप्लायर रहा है। यूक्रेन के साथ सैन्य संघर्ष के बाद, भारत रियायती रूसी तेल का सबसे बड़ा खरीदार बन गया है, जिससे दोनों देशों के लिए आर्थिक लाभ हुआ है। पिछले साल, रूस और भारत के बीच व्यापार में 66 प्रतिशत की वृद्धि हुई, और 2024 की पहली तिमाही में इसमें 20 प्रतिशत की और बढ़ोतरी हुई है। भारत और रूस अंतरराष्ट्रीय मंचों पर करीबी सहयोग करते हैं, विशेषकर संयुक्त राष्ट्र, शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) और ब्रिक्स जैसे संगठनों में। पिछले 75 वर्षों से, दोनों देशों के बीच संबंध मजबूत रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी की हालिया यात्रा के दौरान, मैन्युफैक्चरिंग, अर्थव्यवस्था, और सांस्कृतिक आदान-प्रदान के क्षेत्र में संबंधों को और मजबूत करने पर जोर दिया गया। इसके साथ ही, जियो-पॉलिटिक्स पर भी चर्चा की गई। भारत और रूस के बीच विशेष रणनीतिक साझेदारी पिछले दशक में आगे बढ़ी है, जिसमें ऊर्जा, रक्षा, व्यापार, निवेश, स्वास्थ्य, शिक्षा, संस्कृति, पर्यटन, और लोगों के बीच आदान-प्रदान शामिल हैं।

 

पीएम मोदी की अन्य नेताओं के साथ द्विपक्षीय बैठकें हो सकती हैं।

यह शिखर सम्मेलन ब्रिक्स की पहलों की प्रगति का आकलन करने और भविष्य में सहयोग के लिए संभावित क्षेत्रों की पहचान करने का एक महत्वपूर्ण अवसर प्रदान करेगा। अपनी यात्रा के दौरान, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रूस में ब्रिक्स सदस्य देशों के नेताओं और आमंत्रित प्रमुखों के साथ द्विपक्षीय बैठकें करने की संभावना रखते हैं।

 

ब्रिक्स के सदस्य देश

रूस इस साल ब्रिक्स की अध्यक्षता कर रहा है। ब्रिक्स में ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीक शामिल हैं। सऊदी अरब, ईरान, इथियोपिया, मिस्र, अर्जेंटीना और संयुक्त अरब अमीरात इसके नए सदस्य हैं।

 

शिखर सम्मेलन में ब्रिक्स की पहल

आपको बता दें कि विदेश मंत्रालय ने बताया कि यह सम्मेलन नेताओं को दुनिया के प्रमुख मुद्दों पर चर्चा करने के लिए एक महत्वपूर्ण मंच प्रदान करेगा। मंत्रालय की ओर से यह भी कहा गया है कि इस शिखर सम्मेलन में ब्रिक्स की ओर से शुरू की गई पहलों की प्रगति का आकलन किया जाएगा और यह भविष्य में सहयोग के लिए संभावित क्षेत्रों की पहचान करने के लिए एक मूल्यवान अवसर भी प्रदान करेगा। सम्मेलन में भाग लेने के लिए सभी सदस्य देशों के राष्ट्राध्यक्ष मौजूद रहेंगे। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार ब्रिक्स सम्मेलन के अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रूस में उस समय मौजूद कई देशों के प्रधानमंत्रियों एवं राष्ट्रपतियों से मुलाकात करेंगे।

 

जुलाई में भी पीएम मोदी ने किया था रूस का दौरा

इससे पहले 8 जुलाई को पीएम मोदी ने दो दिवसीय यात्रा पर रूस का दौरा किया था, जहां उन्हें रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन द्वारा रूस के सर्वोच्च नागरिक सम्मान, ऑर्डर ऑफ सेंट एंड्रयू द एपोस्टल, से नवाजा गया। इस सम्मान को प्राप्त करते हुए, पीएम मोदी ने राष्ट्रपति पुतिन का धन्यवाद किया और कहा था कि यह केवल उनका व्यक्तिगत सम्मान नहीं है, बल्कि 140 करोड़ भारतीयों का भी सम्मान है। उन्होंने इस सम्मान को भारत और रूस के बीच सदियों पुरानी मित्रता और सहयोग का प्रतीक बताया। पीएम मोदी ने दोनों देशों के बीच की गहरी सांस्कृतिक और ऐतिहासिक बंधन को रेखांकित किया, जो न केवल राजनीतिक और आर्थिक सहयोग में, बल्कि जन-सामान्य के बीच आपसी संबंधों में भी झलकता है। इस अवसर पर, उन्होंने भारत-रूस संबंधों को और मजबूत करने के लिए अपने संकल्प को दोहराया, जो आने वाले समय में वैश्विक चुनौतियों का सामना करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। यह यात्रा और सम्मान दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।

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