16वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन की मेजबानी रूस द्वारा की जा रही है। 22 से 24 अक्टूबर के बीच यह सम्मेलन रूस के कजान शहर में हो रहा है। ब्रिक्स दुनिया की उभरती हुई अर्थव्यवस्थाओं का एक समूह है और भारत इसका संस्थापक सदस्य है। भारत ब्रिक्स को वैश्विक संतुलन, विविधता और बहुलता का एक अहम मंच मानता है। इस बीच प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी इसमें हिस्सा लेने के लिए पहुंचे है जहां वह ब्रिक्स से इतर चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से भी द्विपक्षीय मुलाकात करेंगे। यह बैठक दोनों नेताओं के बीच लगभग पांच साल बाद हो रही है
PM मोदी और शी जिनपिंग की कजान में मुलाकात
रूस के कजान शहर में हो रहे ब्रिक्स सम्मेलन का आज दूसरा दिन है। भारत और चीन के बीच LAC पर टकराव को रोकने या कम करने के लिए हुए समझौते के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की आज कजान में मुलाकात होगी। यह बैठक दोनों नेताओं के बीच लगभग पांच साल बाद हो रही है, और सभी की निगाहें इस बात पर हैं कि वे किन मुद्दों पर चर्चा करेंगे।
मोदी, पुतिन, जिनपिंग एक साथ
कज़ान से आई एक तस्वीर में, पीएम मोदी, व्लादिमीर पुतिन, और शी जिनपिंग एक साथ खड़े हैं, जिसमें रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच पुल की भूमिका निभाते हुए दिखाई दे रहे हैं।
PM मोदी ने की पुतिन के साथ द्विपक्षीय बैठक
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रूस के कजान शहर पहुंचे, जहां उन्होंने ब्रिक्स सम्मेलन से पहले रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ एक द्विपक्षीय बैठक की। विदेश सचिव विक्रम मिसरी के अनुसार, यह बैठक प्रधानमंत्री का पहला औपचारिक कार्यक्रम था, जिसमें उन्होंने राष्ट्रपति पुतिन के साथ इस वर्ष जुलाई में मॉस्को में आयोजित 22वें वार्षिक शिखर सम्मेलन के बाद से भारत-रूस द्विपक्षीय संबंधों में हुई प्रगति पर चर्चा की। दोनों नेताओं के बीच की यह मुलाकात संबंधों को और मजबूत बनाने के लिए महत्वपूर्ण मानी जा रही है।
PM मोदी और शी जिनपिंग की कब हुई आखिरी मुलाकात?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की आखिरी मुलाकात 2023 में दक्षिण अफ्रीका में आयोजित ब्रिक्स सम्मेलन के दौरान हुई। इस महत्वपूर्ण सम्मेलन में दोनों नेताओं ने वैश्विक चुनौतियों पर चर्चा की और द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के लिए संवाद का महत्व रेखांकित किया। इससे पहले, दोनों नेताओं की मुलाकात 2020 में जी-20 समिट में हुई थी, लेकिन उस समय उनकी बातचीत केवल औपचारिक थी और किसी प्रकार की द्विपक्षीय वार्ता नहीं हो सकी। हाल के वर्षों में, भारत-चीन संबंधों में कई उतार-चढ़ाव आए हैं, और ऐसे में ब्रिक्स सम्मेलन में हुई मुलाकात को विशेष महत्व दिया गया। यह बैठक न केवल दोनों देशों के लिए, बल्कि क्षेत्रीय और वैश्विक स्थिरता के लिए भी महत्वपूर्ण थी।