पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच भारत ने एक बड़ा कदम उठाते हुए नोटिस टू एयरमेन (NOTAM) जारी किया है। इस NOTAM के तहत भारत ने 23 मई 2025 तक सभी पाकिस्तान-पंजीकृत और सैन्य विमानों के लिए अपना हवाई क्षेत्र बंद कर दिया है। इस अवधि के दौरान किसी भी पाकिस्तानी विमान को भारतीय हवाई क्षेत्र में प्रवेश की अनुमति नहीं होगी।
पाकिस्तान को होगा भारी नुकसान
भारत ने पाकिस्तान के लिए अपने हवाई क्षेत्र को 23 मई तक बंद कर दिया है, जिससे पाकिस्तान को गंभीर आर्थिक नुकसान होगा। पहले, पाकिस्तान के विमान चीन, म्यांमार, थाईलैंड, श्रीलंका और मलेशिया जाने के लिए भारतीय एयरस्पेस का इस्तेमाल करते थे, लेकिन अब यह रास्ता बंद हो जाने से उन्हें लंबी और महंगी दूरी तय करनी पड़ेगी। भारत सरकार द्वारा जारी किए गए नोटम के अनुसार, पाकिस्तान की एयरलाइंस को 30 अप्रैल से 23 मई तक भारतीय हवाई क्षेत्र का इस्तेमाल करने पर रोक लगा दी गई है। इसके परिणामस्वरूप, पाकिस्तान को अन्य देशों जैसे चीन या श्रीलंका का एयरस्पेस इस्तेमाल करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा, जिससे उस पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ पड़ेगा और उसके खस्ताहाल आर्थिक हालात और बिगड़ सकते हैं।
भारतीय हमले के डर से घबराया पाकिस्तान, गिलगित-स्कार्दू सहित POK में सभी उड़ानें की रद्द
भारतीय हमले की आशंका से घबराए पाकिस्तान ने सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए गिलगित, स्कार्दू और गुलाम जम्मू-कश्मीर के अन्य इलाकों के लिए सभी उड़ानों को रद्द कर दिया। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, राष्ट्रीय हवाई क्षेत्र की सुरक्षा समीक्षा के बाद यह फैसला लिया गया है। साथ ही भारत से आने वाली अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर विशेष नजर रखी जा रही है और विदेशी विमानों की निगरानी भी तेज कर दी गई है।
अब यात्रा में लगेगा अधिक लागत और समय
पाकिस्तान से पूर्व या दक्षिण-पूर्व एशिया जाने वाली उड़ानों पर इस फैसले का सीधा असर पड़ेगा, क्योंकि अब इन विमानों को भारत के चारों ओर से लंबा चक्कर लगाकर जाना होगा। इससे यात्रियों की यात्रा अवधि बढ़ेगी और उन्हें अतिरिक्त असुविधा झेलनी पड़ेगी। बढ़ती लागत और समय के चलते कई यात्री पाकिस्तानी एयरलाइंस से सफर करने से परहेज़ कर सकते हैं, जिससे इन कंपनियों को राजस्व में भारी नुकसान झेलना पड़ सकता है। भारत का यह कदम केवल रणनीतिक नहीं, बल्कि पाकिस्तान के लिए एक स्पष्ट कूटनीतिक संदेश भी है, जो दोनों देशों के बीच बढ़ते तनाव को उजागर करता है।
पाकिस्तान के खिलाफ लिए गए थे पांच बड़े और सख्त फैसले
22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी की एक आपात बैठक हुई थी, जिसमें पाकिस्तान के खिलाफ पांच बड़े और सख्त फैसले लिए गए थे। पहला फैसला यह था कि भारत और पाकिस्तान के बीच स्थित अटारी बॉर्डर चेक पोस्ट को पूरी तरह से बंद कर दिया जाए, जिससे सीमित आवाजाही भी रुक गई। दूसरे फैसले के तहत पाकिस्तान में स्थित भारतीय दूतावास को बंद करने का निर्णय लिया गया, जो दोनों देशों के कूटनीतिक संबंधों में एक बड़ा मोड़ था। तीसरे निर्णय के अंतर्गत भारत ने सिंधु जल संधि (Indus Water Treaty) को रोक दिया, जिससे पाकिस्तान को जल आपूर्ति के मोर्चे पर बड़ा झटका लगा। चौथा फैसला यह था कि भारत में मौजूद सभी पाकिस्तानी राजनयिकों को 48 घंटे के भीतर देश छोड़ने का आदेश दिया गया। पांचवां और सबसे अहम फैसला यह लिया गया कि भविष्य में किसी भी पाकिस्तानी नागरिक को भारत का वीजा नहीं दिया जाएगा।
इनके अतिरिक्त SAARC वीजा छूट योजना के तहत भी पाकिस्तानी नागरिकों को भारत में प्रवेश की अनुमति रद्द कर दी गई थी। पहले से जारी वीजा रद्द कर दिए गए और सभी पाकिस्तानी नागरिकों को 48 घंटे में भारत छोड़ने को कहा गया। साथ ही नई दिल्ली स्थित पाकिस्तानी उच्चायोग के रक्षा, नौसेना और वायुसेना सलाहकारों को “पर्सोना नॉन ग्राटा” घोषित कर एक सप्ताह के भीतर देश छोड़ने का निर्देश दिया गया था।



