पाकिस्तान सीमा से सटे चार भारतीय राज्यों में एक बार फिर मॉक ड्रिल की घोषणा की गई है। सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल कल गुजरात, पंजाब, राजस्थान और जम्मू-कश्मीर में होगी। यह अभ्यास ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के मद्देनजर किया जा रहा है, जिसे भारत ने 6-7 मई की रात को पाकिस्तान के खिलाफ शुरू किया था।
क्या फिर कुछ होने वाला है बड़ा?
इस मॉक ड्रिल की घोषणा के बाद एक बार फिर अटकलें तेज हो गई हैं कि क्या कुछ बड़ा होने वाला है? पिछली बार भी मॉक ड्रिल के बाद ऑपरेशन सिंदूर को सरप्राइज तरीके से अंजाम दिया गया था, जिसके दौरान भारतीय सेना ने पाकिस्तान के 100 किलोमीटर अंदर तक नौ आतंकी कैंपों को नष्ट कर दिया था।
‘ऑपरेशन सिंदूर’ जारी है: आईजी
सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के ‘जम्मू फ्रंटियर’ के महानिरीक्षक (आईजी) शशांक आनंद ने कहा कि पाकिस्तान पर भरोसा नहीं किया जा सकता, इसलिए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ जारी है और सीमा बल ने अंतरराष्ट्रीय सीमा पर अपनी चौकसी में कोई कमी नहीं आने दी है। उन्होंने सीमा रेखा से घुसपैठ की कोशिशों की आशंका जताते हुए कहा कि बीएसएफ ‘हाई अलर्ट’ पर है।
मॉक ड्रिल में क्या होगा?
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, 29 मई को होने वाली मॉक ड्रिल के दौरान नागरिक सुरक्षा से जुड़ी तैयारियों की समीक्षा की जाएगी। इसका मकसद आपात स्थिति में राज्यों की तैयारियों का परीक्षण करना है। लोगों से सतर्क रहने की अपील की गई है, लेकिन घबराने की कोई जरूरत नहीं है।
सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल क्या है?
सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल केवल एक अभ्यास नहीं, बल्कि एक जरूरी प्रशिक्षण है जो नागरिकों को आपदा या युद्ध जैसी स्थिति में सुरक्षित रहने और मदद करने के तरीके सिखाता है। यह दिखाता है कि आम इंसान भी संकट की घड़ी में खुद को और दूसरों को कैसे बचा सकता है। ऐसे में हर नागरिक का कर्तव्य है कि वह इस ड्रिल को गंभीरता से ले और पूरी भागीदारी निभाए।
विशेषज्ञों के अनुसार, इस तरह की मॉक ड्रिल लोगों की जान बचाने में अहम भूमिका निभा सकती है। कई यूरोपीय देशों में ऐसी ड्रिल्स आम हैं, जहां युद्ध जैसी स्थिति बनते ही सरकारें नागरिकों को सुरक्षा और बचाव के उपाय सिखाती हैं। यही वजह है कि इस अभ्यास को हल्के में नहीं लेना चाहिए।



