केंद्र सरकार ने पाकिस्तान को तुर्की के समर्थन के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया है और देश की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो को तीन महीने के भीतर तुर्की एयरलाइंस के साथ अपने वेट लीज समझौते को समाप्त करने का निर्देश दिया है। यह कदम ऑपरेशन सिंदूर के दौरान तुर्की के पाकिस्तान को खुले समर्थन के जवाब में उठाया गया है।
31 अगस्त तक समझौता खत्म करने के निर्देश
इंडिगो ने अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के संचालन के लिए तुर्किए एयरलाइंस से दो बोइंग 777 विमान डैम्प लीज पर लिए हैं। पहले यह समझौता 31 मई 2025 तक मान्य था, लेकिन जब इंडिगो ने इसमें छह महीने के विस्तार की मांग की तो नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने इसे खारिज कर दिया। हालांकि, यात्रियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए मंत्रालय ने अंतिम बार तीन महीने का विस्तार देते हुए नई समयसीमा 31 अगस्त 2025 तय की है। मंत्रालय ने यह भी स्पष्ट किया है कि यह अंतिम और एकमात्र विस्तार होगा, इसके बाद कोई और रियायत नहीं दी जाएगी। इंडिगो ने भी पुष्टि की है कि वह इस तय अवधि के भीतर तुर्किए एयरलाइंस के साथ यह लीज समाप्त कर देगा।
इंडिगो ने डैम्प लीज समझौते के लिए मांगे थे छह महीने
इंडिगो ने डैम्प लीज समझौते के लिए छह महीने का विस्तार मांगा था, लेकिन DGCA ने राष्ट्रीय हितों को प्राथमिकता देते हुए केवल तीन महीने की अनुमति दी है। इस फैसले के पीछे सिर्फ तकनीकी नहीं, बल्कि रणनीतिक कारण भी माने जा रहे हैं।
तुर्किए के पाकिस्तान समर्थन पर भारत सख्त, सेलेबी की सुरक्षा मंजूरी रद्द
DGCA का फैसला ऐसे वक्त में आया है जब भारत और पाकिस्तान के बीच भू-राजनीतिक तनाव चरम पर है। पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में भारत ने “ऑपरेशन सिंदूर” के तहत पाकिस्तान समर्थित आतंकी ठिकानों पर बड़ी कार्रवाई की। इस दौरान तुर्किए द्वारा पाकिस्तान के समर्थन में दिए गए बयानों ने भारत को नाराज़ कर दिया। इसके चलते भारत सरकार ने तुर्किए की कंपनी सेलेबी एयरपोर्ट सर्विसेज इंडिया प्राइवेट लिमिटेड की सुरक्षा मंजूरी रद्द कर दी।
इंडिगो पर बढ़ रहा है दबाव
पाकिस्तान के समर्थन में तुर्किए की भूमिका और भारत-तुर्किए संबंधों में बढ़ती तल्खी के बीच अब इंडिगो जैसी निजी एयरलाइनों पर भी दबाव बढ़ता जा रहा है। ऐसे में संभावना है कि आने वाले दिनों में भारत सरकार अंतरराष्ट्रीय सहयोग और लीज समझौतों को लेकर और सख्त रुख अपना सकती है।



