भारत के इतिहास में एक प्रमुख सैन्य अभियान के रूप में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को याद किया जाएगा, जो भारत और पाकिस्तान के बीच 22 अप्रैल को हुए एक घातक आतंकवादी हमले के बाद हुआ था। अब, इस महान सैन्य मिशन की गौरवगाथा को भारतीय छात्रों के पाठ्यक्रम में शामिल किया जाएगा। राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (NCERT) ने इस संबंध में एक विशेष मॉड्यूल तैयार किया है, जो कक्षा 3 से 12 तक के छात्रों को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की वीरता और भारतीय सेना की रणनीतिक क्षमता से परिचित कराएगा।
NCERT का महत्वपूर्ण कदम
NCERT के द्वारा तैयार किया गया यह विशेष मॉड्यूल छात्रों को न केवल भारतीय सेना की बहादुरी के बारे में बताएगा, बल्कि यह भी समझाएगा कि कैसे भारत ने पाकिस्तान में स्थित आतंकी ठिकानों को निशाना बनाकर ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत अपनी ताकत और रणनीतिक शक्ति का प्रदर्शन किया। इस मॉड्यूल का उद्देश्य छात्रों को भारत की सैन्य शक्ति, रक्षा रणनीतियों, और राष्ट्रीय सुरक्षा के बारे में जागरूक करना है। इसका डिजाइन दो भागों में किया गया है। एक भाग कक्षा 3 से 8 तक के विद्यार्थियों के लिए और दूसरा कक्षा 9 से 12 तक के विद्यार्थियों के लिए होगा। प्रत्येक मॉड्यूल 8 से 10 पेज का होगा, जिसमें विशेष रूप से पहलागाम हमले और भारत की सैन्य प्रतिक्रिया का विस्तृत वर्णन किया जाएगा।
ऑपरेशन सिंदूर की वीरता और रणनीति
ऑपरेशन सिंदूर 22 अप्रैल 2025 को जम्मू कश्मीर के पहलागाम क्षेत्र में हुए एक आतंकवादी हमले के जवाब में भारत द्वारा पाकिस्तान में स्थित नौ आतंकवादी ठिकानों पर किया गया। इस हमले में 26 नागरिकों की मौत हो गई थी, और भारत ने इसके बाद पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) और पाकिस्तान में स्थित आतंकी ठिकानों पर सटीक हमले किए। इस ऑपरेशन को पूरा करने में भारतीय सेना ने उच्चतम स्तर की रणनीतिक सटीकता का प्रदर्शन किया। अजीत डोभाल, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने इस ऑपरेशन की विस्तृत जानकारी दी और कहा कि यह हमला इतनी सटीकता से किया गया कि पाकिस्तान को इससे कोई नुकसान नहीं हुआ। उन्होंने यह भी चुनौती दी कि कोई भी तस्वीर दिखाए, जिसमें भारत को इस दौरान कोई नुकसान हुआ हो।
कई प्रमुख नेताओं ने भी इस निर्णय का किया समर्थन
इस कदम को लेकर न केवल NCERT ने सराहना की, बल्कि कई प्रमुख नेताओं ने भी इस निर्णय का समर्थन किया। हरियाणा के ऊर्जा और परिवहन मंत्री अनिल विज ने इस फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि ऐसे साहसिक कार्यों को छात्रों के पाठ्यक्रम में शामिल करना बहुत जरूरी है, ताकि वे वीरता और राष्ट्रसेवा की भावना को समझ सकें। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भी इस फैसले को महत्वपूर्ण माना और कहा कि ऑपरेशन सिंदूर ने न केवल भारत की सामरिक क्षमता को बढ़ाया, बल्कि दुनिया को यह संदेश दिया कि भारत किसी भी प्रकार के आंतरिक खतरों से निपटने के लिए तैयार है।
अन्य प्रमुख विषय जो छात्रों को सिखाए जाएंगे
‘ऑपरेशन सिंदूर’ के अलावा,NCERT इस मॉड्यूल में मिशन जीवन, विभाजन की भयावहता, भारत की अंतरिक्ष शक्ति, और भारत की वैज्ञानिक उपलब्धियों पर भी ध्यान देगा। छात्रों को चंद्रयान से लेकर आदित्य एल1 तक के भारत के अंतरिक्ष मिशनों के बारे में जानकारी दी जाएगी, जिसमें सुभांशु शुक्ला का अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर आगमन भी प्रमुख होगा।इसके साथ ही, छात्रों को यह भी बताया जाएगा कि भारत की सेना और पुलिस किस प्रकार अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आतंकवाद और सुरक्षा से जुड़े मुद्दों पर अपनी जिम्मेदारी निभा रही है। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के महत्व को समझना, NCERT के इस फैसले से यह स्पष्ट है कि भारत की सैन्य शक्ति और राष्ट्रीय सुरक्षा को छात्रों के पाठ्यक्रम में स्थान देना एक महत्वपूर्ण कदम है। यह छात्रों को न केवल इतिहास की जानकारी देता है, बल्कि उन्हें यह भी सिखाता है कि देश की सुरक्षा और सामरिक क्षमता को मजबूत बनाना कितना महत्वपूर्ण है। यह कदम भारत के गौरवमयी सैन्य इतिहास और रक्षा नीति को बढ़ावा देने की दिशा में एक अहम पहल है, जो छात्रों को केवल पढ़ाई के माध्यम से नहीं, बल्कि देश की सुरक्षा के प्रति जागरूकता और प्रतिबद्धता के माध्यम से तैयार करता है।



