प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सख्त चेतावनी और भारत और पाकिस्तान के बीच आपसी संघर्ष विराम समझौते के बाद, 11 मई की रात जम्मू-कश्मीर और अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास के अन्य इलाकों में काफी हद तक शांतिपूर्ण रही। पिछले 19 दिनों में यह पहली शांत रात थी, जिसमें संघर्ष विराम उल्लंघन या किसी हिंसक घटना की कोई खबर नहीं आई। खास बात यह है कि पुंछ जिले के सुरनकोट जैसे संवेदनशील इलाके, जहां हाल के दिनों में भारी गोलाबारी हुई थी, वहां भी शांति रही।
दोनों देशों के बीच 10 मई को बनी युद्ध विराम पर सहमति
दोनों देशों के बीच 10 मई को युद्ध विराम पर सहमति बनी। पाकिस्तान के सैन्य संचालन महानिदेशक (DGMO) ने भारतीय DGMO से 10 मई को दोपहर 3:35 बजे फोन कर यह सहमति बनाई कि भारतीय मानक समयानुसार 5 बजे से सभी प्रकार की गोलीबारी और सैन्य कार्रवाइयां रुक जाएंगी। हालांकि, इसके तीन घंटे बाद पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर, पंजाब, राजस्थान और गुजरात के सीमावर्ती इलाकों में ड्रोन हमले किए, जिन्हें बाद में रोका गया।
दो दिन पहले सुरनकोट में हुई भारी गोलाबारी
दो दिन पहले सुरनकोट में हुई भारी गोलाबारी ने इलाके में दहशत फैला दी थी। हमले के बाद, कई निवासी शहर छोड़कर भाग गए, कुछ ने पास के पहाड़ी गांवों और बंकरों में शरण ली, जबकि कुछ जम्मू के सुरक्षित इलाकों में चले गए। अब स्थिति में सुधार के साथ, लोग पुंछ में अपने घरों की ओर लौटने की उम्मीद कर रहे हैं।
मोदी सरकार ने दी चेतावनी
भारत ने आतंकवाद के खिलाफ अपनी नीति को और सख्त करते हुए एक बड़ा फैसला लिया है। मैदा रिपोर्ट्स के अनुसार मोदी सरकार ने चेतावनी देते हुए कहा भविष्य में किसी भी आतंकी कार्रवाई को भारत के खिलाफ युद्ध माना जाएगा और उसका जवाब उसी ताकत और तेजी से दिया जाएगा।
ऑपरेशन सिंदूर से पाकिस्तान की नींद उड़ी
22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 निर्दोष लोग शहीद हो गए थे, जिसने पूरे देश को गहरे सदमे में डाल दिया। इस हमले का जवाब भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत 6-7 मई की रात दिया। भारतीय सेना, नौसेना और वायुसेना ने मिलकर पाकिस्तान और पीओके में स्थित 9 आतंकवादी ठिकानों को नष्ट कर दिया। बहावलपुर, मुरीदके, कोटली और मुजफ्फराबाद में जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा के अड्डों पर सटीक हमले किए गए, जिसमें 100 से ज्यादा आतंकवादी मारे गए। भारतीय सेना ने ड्रोन, मिसाइल और लोइटरिंग हथियारों का इस्तेमाल करके पाकिस्तान को यह संदेश दिया कि अब भारत चुप नहीं रहेगा।