हरियाणा विधानसभा चुनाव की एक रैली में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा दिया गया नारा “बंटोगे तो कटोगे” इन दिनों चर्चा का विषय बना हुआ है। यह नारा अब केवल राजनीतिक बयानबाजी तक सीमित नहीं रहा, बल्कि यह अन्य राज्यों में भी गूंजने लगा है, खासकर महाराष्ट्र और झारखंड विधानसभा चुनावों में। चौंकाने वाली बात तो यह है कि अब यह नारा शादी के कार्डों पर भी छपने लगा है। बता दें कि गुजरात के भावनगर जिले के वांगर गांव में एक बीजेपी कार्यकर्ता ने अपने छोटे भाई की शादी के कार्ड पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का यह नारा “बंटोगे तो कटोगे” छपवाया है। इस कार्ड में यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी साथ ही राम मंदिर की तस्वीरें भी शामिल की गई हैं। यह शादी 23 नवंबर को होगी, और शादी के निमंत्रण में यह नारा लोगों के बीच सियासी संदेश पहुंचाने का एक तरीका बन गया है।
सोशल मीडिया पर वायरल हुआ कार्ड
बीजेपी के एक कार्यकर्ता ने अपने छोटे भाई की शादी में मेहमानों को बुलाने के लिए अयोध्या के राम मंदिर में स्थापित भगवान राम की मूर्ति की छवि वाले शादी के कार्ड का इस्तेमाल किया है। यह शादी का कार्ड शुरू में स्थानीय लोगों के बीच चर्चा का विषय बना और फिर सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया, जिसके बाद मीडिया में भी इस पर खबरें आने लगीं। जब इस बीजेपी कार्यकर्ता से इसके पीछे की वजह पूछी गई, तो उन्होंने बताया कि उनका उद्देश्य लोगों को जागरुक करना और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का संदेश फैलाना था।
क्या है उद्देश्य?
कार्ड छपवाने वाले बीजेपी कार्यकर्ता ने बताया कि उन्होंने लोगों को जागरूक करने और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संदेश को फैलाने के मकसद से ये नारा छपवाया है। कार्ड में पीएम मोदी, सीएम योगी और राम मंदिर का डिजाइन भी बनवाया गया है। साथ ही कार्ड में स्वच्छता अभियान और स्वदेशी अपनाने की बात पर भी जोर दिया गया है।
हरियाणा चुनाव में दिया था नारा
हाल ही में हरियाणा विधानसभा चुनाव के दौरान उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘बंटोगे तो कटोगे’ का नारा दिया था। इसके बाद से यह नारा राजनीतिक गलियारों में तीव्र चर्चा का विषय बन गया है। मुख्यमंत्री योगी के इस बयान को लेकर महाराष्ट्र और झारखंड जैसे चुनावी राज्यों में भी राजनीतिक पार्टियों के बीच तीखी बयानबाजी हुई है। इस नारे का असर उत्तर प्रदेश की नौ विधानसभा सीटों पर होने वाले आगामी उपचुनावों में भी देखने को मिल सकता है, और इसका राजनीतिक माहौल पर गहरा प्रभाव पड़ने की संभावना जताई जा रही है।