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इलहाबाद विवि में BBA-MBA के छात्र पढ़ेंगे टाटा की सफलता की कहानी

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इलाहाबाद विश्वविद्यालय के मोतीलाल नेहरू इंस्टीट्यूट ऑफ रिसर्च एंड बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन में संचालित पांच वर्षीय इंटीग्रटेड पाठ्यक्रम बीबीए-एमबीए के छात्र रतन टाटा की सफलता की कहानी भी पढ़ेंगे। बता दें कि पिछले सत्र 2023-24 से शुरू हुए इस पाठ्यक्रम में जेआरडी टाटा, धीरूभाई अंबानी, अजीम प्रेमजी, नारायण मूर्ति समेत देश के कई प्रमुख उद्योगपति शामिल हैं। अब इन नामों में रतन टाटा का नाम भी शामिल होगा। रतन टाटा का नाम इन उद्योगपतियों की सूची में शामिल होने से विद्यार्थियों को न केवल प्रेरणा मिलेगी, बल्कि उन्हें एथिकल बिजनेस के महत्व को भी समझने का अवसर मिलेगा। रतन टाटा ने अपने करियर में नैतिकता और सामाजिक जिम्मेदारी को हमेशा प्राथमिकता दी है, जो उन्हें अन्य लीडर्स से अलग बनाता है। इस पाठ्यक्रम के माध्यम से छात्र उनके दृष्टिकोण को अपनाकर अपने व्यवसायिक जीवन में सफलता प्राप्त कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त, पाठ्यक्रम में रतन टाटा द्वारा स्थापित टाटा समूह की विभिन्न पहलों और उनके प्रभाव का भी अध्ययन किया जाएगा, जिससे छात्रों को वास्तविक जीवन के उदाहरणों के माध्यम से उद्योग की चुनौतियों और अवसरों को समझने में मदद मिलेगी। यह पाठ्यक्रम छात्रों को न केवल सिद्धांत, बल्कि व्यावहारिक ज्ञान भी प्रदान करेगा, जिससे वे भविष्य के बिजनेस लीडर्स के रूप में तैयार हो सकें।

 

कुलपति प्रो.संगीता श्रीवास्तव के मार्गदर्शन में तैयार किया गया पाठ्यक्रम

पांच वर्षीय बीबीए-एमबीए पाठ्यक्रम की समन्वयक डॉ.शेफाली आनंद बताती हैं कि कुलपति प्रो.संगीता श्रीवास्तव के मार्गदर्शन में नई शिक्षा नीति के तहत यह पाठ्यक्रम तैयार किया गया है। सत्र 2023-24 से पाठ्यक्रम शुरू किया गया है। इसमें 40 सीटें निर्धारित की गई हैं। मौजूदा सत्र 2024-25 के तहत दूसरे बैच के लिए प्रवेश प्रक्रिया चल रही है। डॉ.शेफाली के अनुसार पाठ्यक्रम में एक पेपर ऑर्गनाइजेशनल बिहेवियर का होता है। इसमें लीडरशिप के बारे में पढ़ाया जाता है। जब बिजनेस लीडर के बारे में पढ़ाते हैं तो रतन टाटा का नाम भी आता है।

 

कार्यशालाओं और कार्यक्रमों में भी रतन टाटा जैसे उद्योगपतियों के दिए जाते हैं उदाहरण

डॉ.शेफाली ने बताया कि आगे चलकर पाठ्यक्रम में रतन टाटा के एथिकल बिजनेस से जुड़े सिद्धांतों को भी शामिल किया जाएगा, जिसने समाज को एक नई दिशा दी और बताया कि बिजनेस समाजसेवा का भी सशक्त माध्यम हो सकता है। डॉ.शेफाली इविवि के इंक्यूबेशन सेंटर की भी समन्वयक हैं। उनका कहना है कि सेंटर में होने वाली कार्यशालाओं और कार्यक्रमों में भी रतन टाटा जैसे उद्योगपतियों का उदाहरण देते हुए छात्रों को आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया जाता है।

 

चर्चा में क्यों रतन टाटा?

हाल ही में टाटा समूह के पूर्व अध्यक्ष रतन नवल टाटा, जिन्हें 21वीं सदी में भारत के आर्थिक पुनरुत्थान के प्रतीक के रूप में जाना जाता है। उनका 86 वर्ष की आयु में मुंबई के एक अस्पताल में निधन हो गया।

 

रतन टाटा के बारे में जानें

रतन नवल टाटा एक प्रतिष्ठित भारतीय व्यवसायी और भारत के सबसे बड़े समूहों में से एक, टाटा समूह के पूर्व अध्यक्ष थे। उन्हें 2000 में पद्म भूषण और 2008 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया। रतन टाटा ने कॉर्नेल विश्वविद्यालय से वास्तुकला में स्नातक की डिग्री प्राप्त की और 1962 में अपने परदादा जमशेदजी टाटा द्वारा स्थापित टाटा समूह में शामिल होने के लिए भारत लौटे। वह एक लाइसेंस प्राप्त पायलट थे और अपने शांत स्वभाव, साधारण जीवनशैली और परोपकारी कार्यों के लिए प्रसिद्ध थे। रतन टाटा एक दूरदर्शी और दयालु व्यक्तित्व के धनी रहे हैं, जिन्होंने व्यावसायिक और सामाजिक क्षेत्रों में बड़ी लोकप्रियता हासिल की।

 

रतन टाटा की उपलब्धियां

रतन टाटा ने टाटा समूह को एक वैश्विक महाशक्ति के रूप में विकसित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिसमें इस्पात, ऑटोमोबाइल, सॉफ्टवेयर और दूरसंचार जैसे विभिन्न क्षेत्र शामिल हैं। अपने करियर की शुरुआत में, उन्होंने टाटा मोटर्स (पूर्व में टेल्को) और टाटा स्टील जैसी कई कंपनियों में कार्य किया और नेशनल रेडियो एंड इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनी को पुनर्जीवित किया। 1991 में, वे जे.आर.डी. टाटा के बाद टाटा समूह के अध्यक्ष बने। उन्होंने कई महत्वपूर्ण संगठनात्मक सुधार लागू किए, जैसे सेवानिवृत्ति की आयु निर्धारित करना और युवा प्रतिभाओं को नेतृत्व की भूमिकाओं में बढ़ावा देना।

 

रतन टाटा द्वारा दिया गया योगदान

टाटा ने आईटी बूम का लाभ उठाते हुए 1996 में टाटा टेलीसर्विसेज की स्थापना की और 2004 में टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) को सार्वजनिक किया। उनके नेतृत्व में कई महत्वपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय अधिग्रहण हुए, जैसे:

2000: टेटली टी का अधिग्रहण।
2002: VSNL (विदेश संचार निगम लिमिटेड) का अधिग्रहण।
2007: कोरस स्टील का अधिग्रहण, जो किसी भारतीय कंपनी द्वारा किया गया सबसे बड़ा अधिग्रहण था।
2008: फोर्ड से जगुआर और लैंड रोवर का अधिग्रहण।
जनवरी 2022: टाटा समूह द्वारा एयर इंडिया के अधिग्रहण में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई।

इसके अलावा, उन्होंने टाटा नैनो भी लॉन्च की, जो एक कम लागत वाली कार थी, जिसका उद्देश्य भारतीयों को सस्ती परिवहन सुविधा प्रदान करना था। टाटा ने भारतीय स्टार्टअप्स में भी महत्वपूर्ण निवेश किया, जिसमें पेटीएम, ओला इलेक्ट्रिक और अर्बन कंपनी जैसी कंपनियों का समर्थन शामिल है।

 

रतन टाटा कई पुरस्कारों से भी हुए सम्मानित

उन्हें निम्नलिखित पुरस्कारों से भी सम्मानित किया गया:
वर्ष 2021 में असम सरकार द्वारा असम बैभव।
वर्ष 2023 में किंग चार्ल्स तृतीय द्वारा ऑर्डर ऑफ ऑस्ट्रेलिया के मानद अधिकारी।
वर्ष 2008 में आईआईटी बॉम्बे द्वारा मानद डॉक्टर ऑफ साइंस की उपाधि।
वर्ष 2014 में महारानी एलिजाबेथ द्वितीय द्वारा मानद नाइट ग्रैंड क्रॉस ऑफ द ऑर्डर ऑफ द ब्रिटिश एम्पायर (GBE)
वर्ष 2008 में सिंगापुर सरकार द्वारा मानद नागरिक पुरस्कार।

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