विपक्षी दलों के नेताओं को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा लगातार नोटिस भेजे जा रहे हैं। जिसके चलते विपक्षी नेता सत्ता पक्ष से खफा हो गए हैं। यही कारण है कि विपक्ष के नेताओं द्वारा सत्ता पक्ष के साथ-साथ अब ईडी पर भी आरोप लगाए जा रहे हैं। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने केंद्र सरकार और ईडी पर निशाना साधते हुए ईडी की तुलना पाकिस्तान के टिड्डी दल से कर दी। उन्होंने कहा कि जिस तरह पाकिस्तान से टिड्डी दल आते हैं, उसी तरह राजस्थान में ईडी के दल आ रहे हैं।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के आवास पर भी ईडी का छापा
ईडी ने हाल ही में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा के आवास पर भी छापा मारते हुए उनके दोनों बेटों को पूछताछ के लिए समन भेजा। इस दौरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि ईडी द्वारा अब कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष के दोनों बेटों को समन भेजा गया है और वैभव गहलोत को भी दोबारा पूछताछ के लिए बुलाया गया है। उन्होंने ईडी को कहा कि आर्थिक अपराध करने वाले कई अपराधी विदेशों में बैठे हैं।”
ईडी को बताया पाकिस्तान से आए टिड्डी दल के समान
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत विधानसभा चुनाव को लेकर बीकानेर के नोखा में कांग्रेस उम्मीदवार सुशीला डूडी के प्रचार के लिये आयोजित रैली में पहुंचे। जहां उन्होंने जनता को संबोधित करते हुए ईडी की तुलना पड़ोसी मुल्क के टिड्डी दलों से कर दी। उन्होंने कहा कि “प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीमें राजस्थान में कांग्रेस नेताओं पर उसी तरह हमला कर रही हैं, जैसे पाकिस्तान से आए टिड्डी दल यहां फसलों पर हमला किया करते हैं।”
ईडी का किया जा रहा दुरुपयोग
अशोक गहलोत ने ईडी की क्षमता पर प्रश्न उठाते हुए बयान दिया। उन्होंने कहा कि ‘देश के विभिन्न आर्थिक अपराधी आज विदेशों में बैठे हैं। ये बताता है कि ईडी की क्षमता कम हुई है।’ इस दौरान उन्होंने ईडी को मजबूत बनाने और उसके दुरुपयोग होने का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा, ‘हम ईडी की मजबूती चाहते हैं। आर्थिक भगोड़े पकड़े जाने चाहिए, लेकिन आज ईडी का दुरूपयोग राजनीतिक प्रतिद्वंदियों के विरूद्ध किया जा रहा है। विपक्ष द्वारा शासित सभी राज्यों में यह प्रवृत्ती देखने में आ रही है।’
आखिर ईडी और सीबीआई से विपक्ष को क्यों है दिक्कत
विपक्षी पार्टियों द्वारा लगातार ईडी को लेकर भारतीय जनता पार्टी पर हमला बोला जा रहा है। विपक्षी पार्टियों का आरोप है कि ईडी का दुरुपयोग किया जा रहा है। लेकिन विपक्षी पार्टियों ने अगर कोई घोटाला नहीं किया है, तो विपक्षी पार्टियां ईडी की पूछताछ से डर क्यों रही हैं। आखिर क्यों विपक्षी पार्टियां ईडी को सत्ता पक्ष की साजिश करार दे रही हैं। क्या विपक्षी नेताओं को जेल जाने का डर सता रहा है ? क्योंकि ईडी द्वारा पूछताछ में सहयोग न करने और संतोषजनक जवाब न देने पर गिरफ्तारी की गई है।