भारत की अर्थव्यवस्था 2047 तक 30 ट्रिलियन डॉलर तक पहुँचने की उम्मीद है। जी20 शेरपा अमिताभ कांत ने कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था का वर्तमान आकार 4 ट्रिलियन डॉलर है, और 2047 तक इसके 30 ट्रिलियन डॉलर तक बढ़ने का अनुमान है। उन्होंने यह भी बताया कि देश को अपनी युवा जनसांख्यिकी से लाभ होगा। जबकि पश्चिमी दुनिया बूढ़ी हो रही है और जापान पहले से ही एक वृद्ध समाज है, यहाँ तक कि चीन भी बूढ़ी होती आबादी का अनुभव कर रहा है। इसके विपरीत, भारत की औसत आयु केवल 28 वर्ष है, और जब भारत एक राष्ट्र के रूप में 100 वर्ष का हो जाएगा, तब भी इसकी औसत आयु लगभग 35 वर्ष होगी। भारत बेबी बूमर्स का देश है।
युवा आबादी और बढ़ती क्षमता
अमिताभ कांत ने बताया कि भारत की सबसे बड़ी ताकत यहां की युवा आबादी है। जहां विश्व के कई बड़े देश जैसे जापान, चीन और यूरोपीय देश अपनी बढ़ती उम्र के कारण आर्थिक चुनौतियों का सामना कर रहे हैं, वहीं भारत की औसत उम्र महज 28 साल है। कांत के अनुसार, जब भारत 100 साल का होगा तब भी उसकी औसत उम्र लगभग 35 साल ही होगी, जो आर्थिक विकास के लिए बेहद अनुकूल है। यह युवा जनसंख्या देश की उत्पादकता और नवाचार की क्षमता को लगातार बढ़ाती रहेगी।
शहरीकरण और बुनियादी ढांचे का विस्तार
भारत में शहरीकरण की गति बेहद तेज है। कांत ने कहा कि हर साल करीब 5 मिलियन लोग शहरों में प्रवेश कर रहे हैं, जिससे 500 नए शहरों के विकास की जरूरत पड़ेगी। इसके अलावा, देश में 150 से अधिक हवाई अड्डे हैं, लेकिन आने वाले वर्षों में इस संख्या को बढ़ाकर 400 करने की योजना है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत को अगले 50 सालों में ‘दो अमेरिका’ और हर पांच साल में ‘एक शिकागो’ जैसा शहरी केंद्र बनाना होगा। यह योजनाएं देश के आर्थिक विकास को और मजबूती देंगी।
वैश्विक प्रतिस्पर्धा में भारत की भूमिका
अमिताभ कांत ने भारतीय एयरलाइंस इंडिगो और एयर इंडिया की वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने की क्षमता पर भी ज़ोर दिया। उन्होंने कहा कि भारत का हवाई परिवहन क्षेत्र तेजी से विकसित हो रहा है, जो देश को वैश्विक कनेक्टिविटी के लिहाज से भी एक महत्वपूर्ण केंद्र बनाएगा। इस विकास से व्यापार, पर्यटन और रोजगार के नए अवसर खुलेंगे।
भारत की आर्थिक समृद्धि का विजन 2047
अमिताभ कांत के इस दावे से साफ़ होता है कि भारत 2047 तक सिर्फ आर्थिक संख्या में ही नहीं, बल्कि विकास के हर पहलू में दुनिया की अग्रणी ताकत बनना चाहता है। यह विजन सरकार की महत्वाकांक्षी नीतियों, युवा ऊर्जा और देश के तेजी से बढ़ते बुनियादी ढांचे का परिणाम है। यदि यह लक्ष्य सफल होता है, तो भारत के करोड़ों युवाओं के लिए नए अवसर खुलेंगे और देश वैश्विक परिदृश्य में अपनी जगह और मजबूत करेगा।



