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लातेहार में पुलिस की बड़ी कार्रवाई, ₹5 लाख का इनामी नक्सली ढेर

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नक्सलियों के खिलाफ एक बड़ी सफलता हासिल करते हुए पुलिस ने रविवार देर रात से सोमवार सुबह तक लातेहार जिले के जंगलों में अभियान चलाया। मुठभेड़ के दौरान 5 लाख रुपये का इनामी नक्सली कमांडर मनीष यादव मारा गया। 10 लाख रुपये का इनामी एक अन्य शीर्ष नक्सली कुंदन खेरवार को गिरफ्तार किया गया। पुलिस ने मौके से दो एके-95 ऑटोमेटिक राइफलें भी बरामद की हैं। मुठभेड़ महुआडांर थाना क्षेत्र के करमखार और दौना गांव के बीच हुई।

 

खुफिया जानकारी के आधार पर पुलिस को  मिली बड़ी सफलता

पलामू के डीआईजी वाईएस रमेश ने पुष्टि की है कि ₹5 लाख का इनामी नक्सली कमांडर मनीष यादव मुठभेड़ में मारा गया। सूचना मिली थी कि वह अपने दस्ते के साथ महुआडांड़ थाना क्षेत्र के दौना और करमखाड़ के जंगलों में छिपा है। इस पर पुलिस ने विशेष टीम बनाकर इलाके में सर्च ऑपरेशन शुरू किया। घेराबंदी के दौरान नक्सलियों ने फायरिंग शुरू कर दी, जिसके जवाब में पुलिस ने भी गोलीबारी की। मुठभेड़ में मनीष यादव ढेर हो गया, जबकि ₹10 लाख का इनामी कुंदन खेरवार को जंगल से गिरफ्तार कर लिया गया।

 

दो दिन पहले ही 10 और 5 लाख के इनामी नक्सलियों को किया था ढेर

मुठभेड़ के बाद पुलिस ने पूरे इलाके में सघन सर्च अभियान शुरू कर दिया है। मनीष यादव और कुंदन खेरवार लातेहार और आसपास के क्षेत्रों में नक्सली गतिविधियों के अहम चेहरे थे। मौके से बरामद दो एक्स-95 ऑटोमैटिक राइफलें यह साबित करती हैं कि नक्सली आधुनिक हथियारों से लैस थे। गौरतलब है कि दो दिन पहले ही पुलिस ने मुठभेड़ में जेजेएमपी के सुप्रीमो पप्पू लोहरा (₹10 लाख इनामी) और सबजोनल कमांडर प्रभात गंझू (₹5 लाख इनामी) को ढेर किया था। अब लगातार तीसरी बड़ी सफलता में पुलिस ने एक और कुख्यात नक्सली को मुठभेड़ में मार गिराया है।

 

बिहार के बूढ़ा पहाड़ इलाके का अंतिम टॉप कमांडर था मनीष यादव

मनीष यादव बिहार के बूढ़ा पहाड़ इलाके का अंतिम टॉप कमांडर था। पिछले एक दशक से वह वहीं सक्रिय था। शुरूआत में वह माओवादियों के साधारण कैडर के रूप में जुड़ा था, लेकिन बाद में सब जोनल कमांडर बन गया। जिस इलाके में हाल ही में मुठभेड़ हुई, वहां उसका ससुराल भी स्थित है।

 

मनीष यादव 50 से अधिक नक्सली हमलों का मुख्य आरोपी

मनीष यादव झारखंड के लातेहार, पलामू, गढ़वा, चतरा और बिहार के गया, औरंगाबाद सहित कई इलाकों में 50 से अधिक नक्सली हमलों का आरोपी है। वह मुख्य रूप से बिहार में सक्रिय था और बाद में बूढ़ा पहाड़ के माओवादियों के दस्ते में शामिल हो गया। मनीष यादव कटिया मुठभेड़ का आरोपी है, जिसमें 13 सीआरपीएफ जवान शहीद हुए थे। 2018-19 में गढ़वा के पोलपोल नक्सल हमले में छह जवानों की शहादत का भी वह मुख्य आरोपी था।

 

 

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