जम्मू-कश्मीर के पुंछ सेक्टर में भारतीय सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस की संयुक्त टीम ने ऑपरेशन शिवशक्ति के तहत एक बड़ी सफलता हासिल की है। सुरक्षाबलों ने नियंत्रण रेखा (LoC) के पास कासलियां-गुलपुर क्षेत्र में घुसपैठ की कोशिश कर रहे दो पाकिस्तानी आतंकवादियों को मार गिराया। इस ऑपरेशन में तीन हथियार भी बरामद किए गए हैं।
ऑपरेशन शिवशक्ति की पृष्ठभूमि
यह ऑपरेशन 28 जुलाई को श्रीनगर के दाचीगाम नेशनल पार्क के पास हरवान इलाके में तीन आतंकवादियों के मारे जाने के बाद शुरू किया गया था। इन आतंकवादियों में से एक, सुलेमान, अप्रैल में हुए पहलगाम आतंकी हमले का मुख्य आरोपी था। सुरक्षाबलों को एक सप्ताह पहले दाचीगाम जंगल में आतंकवादियों के छिपे होने की जानकारी मिली थी, जिसके बाद बड़े पैमाने पर सर्च ऑपरेशन चलाया गया।
ऑपरेशन की रणनीति और निष्पादन
पुंछ सेक्टर के देगवार क्षेत्र में मंगलवार रात संदिग्ध गतिविधियों की सूचना मिली थी। इसके बाद भारतीय सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस ने संयुक्त रूप से ऑपरेशन शुरू किया। सुरक्षाबलों ने आतंकवादियों की घुसपैठ को नाकाम करते हुए मुठभेड़ में दो आतंकवादियों को ढेर कर दिया। इस ऑपरेशन में तीन हथियार भी बरामद किए गए हैं।
ऑपरेशन महादेव और ऑपरेशन सिन्दूर की कड़ी का हिस्सा
ऑपरेशन शिवशक्ति, ऑपरेशन महादेव और ऑपरेशन सिन्दूर की कड़ी का हिस्सा है। इन ऑपरेशनों के माध्यम से सुरक्षाबलों ने पाकिस्तान से घुसपैठ की कोशिश कर रहे आतंकवादियों को मार गिराया है। इन कार्रवाइयों से पाकिस्तान को स्पष्ट संदेश गया है कि भारत अपनी सुरक्षा को लेकर गंभीर है और किसी भी घुसपैठ की कोशिश को बर्दाश्त नहीं करेगा।
ऑपरेशन महादेव के तहत 3 आतंकी मारे गए थे
भारतीय सेना ने जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर के लिडवास क्षेत्र में ऑपरेशन महादेव के तहत एक और बड़ी सफलता हासिल की। इस ऑपरेशन में तीन आतंकवादियों को मार गिराया गया, जो टीआरएफ (The Resistance Front) से जुड़े थे और पहलगाम आतंकी हमले में शामिल थे। ये आतंकवादी लश्कर-ए-तैयबा से भी जुड़े हुए थे, जिनमें से एक का नाम मूसा था। इस ऑपरेशन ने सेना की ताकत और सीमा पार से हो रही आतंकवादी गतिविधियों के खिलाफ उसकी लगातार तत्परता को दिखाया।
आतंकवादी थे टीआरएफ के सदस्य
सेना ने श्रीनगर के लिडवास में एक गहन ऑपरेशन के तहत तीन आतंकवादियों को मुठभेड़ में मार गिराया। इस ऑपरेशन में सेना को आतंकवादियों के पास से भारी मात्रा में गोला-बारूद और राशन भी बरामद हुआ। यह आतंकवादी टीआरएफ (The Resistance Front) के सदस्य थे, और यह ऑपरेशन टीआरएफ से जुड़े आतंकवादियों के खिलाफ एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ।
भविष्य की चुनौतियाँ और सुरक्षाबलों की तत्परता
हालांकि ऑपरेशन शिवशक्ति में सफलता मिली है, लेकिन पुंछ और कश्मीर घाटी में आतंकवादियों की गतिविधियाँ जारी हैं। सुरक्षाबलों ने इलाके में सर्च ऑपरेशन को और तेज कर दिया है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कोई अन्य आतंकी इलाके में छिपा न हो। सुरक्षा बलों की सतर्कता और तत्परता से ही इन चुनौतियों का सामना किया जा सकता है। ऑपरेशन शिवशक्ति की सफलता से यह स्पष्ट होता है कि भारतीय सुरक्षाबल किसी भी घुसपैठ की कोशिश को नाकाम करने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। इस प्रकार की कार्रवाइयाँ आतंकवादियों के मनोबल को तोड़ने और क्षेत्र में शांति स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। इस ऑपरेशन में भारतीय सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस की संयुक्त कार्रवाई ने यह सिद्ध कर दिया है कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में सभी सुरक्षा एजेंसियाँ एकजुट होकर काम कर रही हैं। आगे भी ऐसी सफलताओं की उम्मीद की जा सकती है, जो क्षेत्र में स्थायी शांति की दिशा में महत्वपूर्ण कदम साबित होंगी।



