सिंधु जल संधि को लेकर पाकिस्तान की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने सिंधु जल संधि को निलंबित कर दिया था, जिसके बाद पाकिस्तान ने बार-बार अपील की। पाकिस्तान ने भारत को चार पत्र भेजकर अपने फैसले पर पुनर्विचार करने का अनुरोध किया है।
ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान ने भेजे चार पत्र
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पाकिस्तान ने भारत को अब तक कुल चार पत्र भेजे हैं, जिनमें से तीन ऑपरेशन सिंदूर के बाद भेजे गए हैं। ये सभी पत्र पाकिस्तान के जल मंत्रालय के सचिव सैयद अली मुर्तजा की ओर से भेजे गए। पहला पत्र मई की शुरुआत में, यानी ऑपरेशन सिंदूर की कार्रवाई शुरू होने से पहले भेजा गया था, जबकि बाकी तीन पत्र बाद में भेजे गए। ये सभी पत्र जल शक्ति मंत्रालय के ज़रिए विदेश मंत्रालय को भेजे गए हैं।
जल संकट से निपटने के लिए भारत से सहयोग की मांग
पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार ने हाल ही में एक बयान में कहा कि उनका देश भारत के साथ व्यापक वार्ता के लिए तैयार है, जिसमें जल संकट भी एक प्रमुख मुद्दा होगा। उन्होंने कहा, “हम भारत के साथ बातचीत के लिए खुले हैं, लेकिन हम किसी भी तरह की हताशा में नहीं हैं।” डार ने यह भी उल्लेख किया कि भारत द्वारा सिंधु जल संधि का निलंबन पाकिस्तान की कृषि और जल आपूर्ति पर गंभीर प्रभाव डाल रहा है।
पाकिस्तानी किसानों की चिंता: ‘अगर पानी बंद हुआ, तो हम भूखे मर जाएंगे’
पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के किसान होमला ठाकुर ने कहा, “अगर उन्होंने पानी बंद कर दिया, तो यह सब थार रेगिस्तान में बदल जाएगा, पूरा देश। हम भूखे मर जाएंगे।” पाकिस्तान की कृषि प्रणाली सिंधु नदी प्रणाली पर अत्यधिक निर्भर है, और जल आपूर्ति में किसी भी तरह की कमी से किसानों की आजीविका पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है।
भारत की प्रतिक्रिया: ‘पाकिस्तान को पहले आतंकवाद का समर्थन बंद करना होगा’
भारत ने स्पष्ट किया है कि जब तक पाकिस्तान सीमा पार आतंकवाद का समर्थन नहीं रोकता, तब तक सिंधु जल संधि पर पुनर्विचार संभव नहीं है। भारत ने यह भी कहा है कि जल संधि का निलंबन तीन चरणों में किया जाएगा, और इसके लिए तीन अलग-अलग रणनीतियाँ तैयार की जा रही हैं।
पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत का सख्त रुख, पाकिस्तान को भेजा कड़ा संदेश
22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान को कड़ा संदेश देते हुए बड़ी कार्रवाई की। जल शक्ति मंत्रालय की सचिव देबाश्री मुखर्जी ने पाकिस्तान के जल सचिव सैयद अली मुर्तजा को पत्र भेजा, जिसमें साफ कहा गया कि भारत सीमा पार से हो रहे आतंकवाद का लगातार शिकार है। इसी कारण भारत ने सिंधु जल संधि में अपनी भागीदारी को निलंबित करने का निर्णय लिया है। भारत ने पाकिस्तान पर संधि की मूल भावना, आपसी विश्वास और सहयोग को कमजोर करने का भी आरोप लगाया।
क्या है भारत की रणनीति?
पहलगाम हमले के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि व्यापार और आतंकवाद, पानी और खून, गोलियां और बातचीत एक साथ नहीं चल सकते। सिंधु जल संधि को निलंबित करने से भारत को कई फायदे हुए हैं। भारत ने सिंधु नदी प्रणाली से जुड़ी रणनीतिक जल बुनियादी ढांचा परियोजनाओं पर काम तेज कर दिया है। एक महत्वपूर्ण परियोजना 130 किलोमीटर लंबी नहर है। यह नहर ब्यास नदी को गंगा नहर से जोड़ेगी।