दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 29 दिसंबर को होने वाली परिवर्तन रैली अब रद्द कर दी गई है। यह निर्णय पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के निधन के कारण लिया गया है, क्योंकि देश में सात दिनों का राजकीय शोक घोषित किया गया है।
अब 5 जनवरी को होगी रैली
अब यह परिवर्तन रैली 5 जनवरी को दिल्ली के जापानी पार्क में आयोजित की जाएगी। पीएम मोदी इस रैली के जरिए दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा को मजबूती प्रदान करने का प्रयास करेंगे और लोगो को बड़ी सौगात भी दें सकते हैं। हालांकि, दिल्ली विधानसभा चुनाव की घोषणा चुनाव आयोग ने अभी तक नहीं की है लेकिन कयास लगाए जा रहे हैं कि जनवरी के पहले सप्ताह में चुनाव की घोषणा हो सकती है। भाजपा ने अभी तक चुनावी उम्मीदवारों की सूची भी जारी नहीं की है और यह संभावना जताई जा रही है कि पीएम मोदी की रैली के बाद पार्टी पहली सूची जारी कर सकती है।
25 उम्मीदवारों के नामों का ऐलान किया जाएगा।
दिल्ली विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा अपनी पहली लिस्ट जारी कर सकती है। कहा जा रहा है कि इस लिस्ट में करीब 25 उम्मीदवारों के नामों का ऐलान किया जाएगा। इसमें कुछ नाम पूर्व सांसद, पूर्व विधायक, पूर्व पार्षद के भी हो सकते हैं। इसके अलावा दूसरी पार्टी को छोड़कर भाजपा में शामिल लोगों को भी भाजपा वरीयता के अनुसार टिकट देगी।
फरवरी में हो सकते हैं चुनाव
भारतीय चुनाव आयोग ने अभी तक 70 सदस्यीय दिल्ली विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान नहीं किया है लेकिन अनुमान है कि जल्द ही चुनाव तिथियों की घोषणा हो सकती है। संभावना है कि चुनाव अगले साल फरवरी में हो सकते हैं। जिसके लेकर भारतीय जनता पार्टी, आम आदमी पार्टी और कांग्रेस ने चुनावी तैयारियां शुरू कर दी हैं।
29 दिसंबर को नई मेट्रो लाइन की रखते आधारशिला
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार प्रधानमंत्री रविवार 29 दिसंबर को रिठाला में एक नई मेट्रो लाइन की आधारशिला रखने और रोहिणी के जापानी पार्क में एक सभा को संबोधित करने वाले थे। हालांकि अभी तक शिलान्यास समारोह की नई तारीखों के बारे में पुष्टि नहीं हुई है।
क्या है राजकीय शोक, इसे कौन घोषित कर सकता हैं
देश में जब कोई बड़ा नेता, कलाकार या ऐसा व्यक्ति जो राष्ट्र के लिए महत्वपूर्ण कार्य करता है और उसका निधन होता है, तो राजकीय शोक की घोषणा की जाती है। पहले यह अधिकार केवल राष्ट्रपति के पास था, जो केंद्र सरकार की सलाह पर राजकीय शोक घोषित करते थे। लेकिन अब नियमों में बदलाव के बाद यह अधिकार राज्यों के पास भी है। इस बदलाव के कारण, कई बार केंद्र और राज्य सरकारें अलग-अलग राजकीय शोक घोषित करती हैं। बता दें कि राजकीय शोक के दौरान विधानसभा, सचिवालय समेत महत्वपूर्ण सरकारी कार्यालयों में लगे राष्ट्रीय ध्वज को आधा झुका दिया जाता है। इसके अलावा कोई भी औपचारिक या सरकारी कार्यक्रम आयोजित नहीं किया जाता। इस दौरान आधिकारिक मनोरंजन पर भी प्रतिबंध रहता है। इस दौरान सिर्फ विशेष काम ही किए जाते हैं।