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भारत ने तालिबान से कूटनीतिक रिश्ते बनाए; एस जयशंकर ने अफगान विदेश मंत्री से की पहली वार्ता

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विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने तालिबान शासन के तहत अफगानिस्तान के कार्यवाहक विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी के साथ अपनी पहली आधिकारिक वार्ता की। चर्चा के मुख्य मुद्दों में भारत-अफगानिस्तान की पारंपरिक मित्रता, विकास सहयोग और हाल ही में पहलगाम आतंकी हमले की कड़ी निंदा शामिल थी। तालिबान सरकार द्वारा पहलगाम हमले की सार्वजनिक रूप से निंदा किए जाने के बाद यह वार्ता हुई।

 

विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने दी जानकरी

विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में बताया है कि अफगानिस्तान के कार्यवाहक विदेश मंत्री मुत्तकी से आज काफी अच्छी बात हुई है। उन्होंने पहलगाम आतंकवादी हमले की निंदा करने के लिए उनकी तहे दिल से सराहना की। साथ ही उन्होंने आधारहीन रिपोर्ट के जरिए दोनों देशों के बीच अविश्वास पैदा करने की कोशिशों को मुत्ताकी की ओर से खारिज किए जाने का स्वागत किया।

 

अफगान के साथ दोस्ती पर चर्चा

जयशंकर ने कहा कि अफगान जनता के साथ हमारी पारंपरिक दोस्ती और उनके विकास संबंधी आवश्यकताओं के प्रति हमारी निरंतर प्रतिबद्धता बनी रहेगी। उन्होंने सहयोग बढ़ाने के उपायों पर भी चर्चा की। इससे पहले, शुक्रवार को उन्होंने दिल्ली में विदेश मंत्री एनरिक रीना के साथ मिलकर होंडुरास गणराज्य के दूतावास का उद्घाटन किया।

 

पारस्परिक सहयोग बढ़ाने पर चर्चा

इसके साथ ही इस बात पर भी चर्चा हुई कि इस सहयोग को आगे कैसे लेकर जाया जा सकता है। इससे पहले विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने भारतीय मिसाइल के अफगानिस्तान में हिट होने को लेकर बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि सब जानते हैं कि पिछले डेढ़ साल से अफगानिस्तान पर कौन हमले कर रहा है।

 

होंडुरास दूतावास के उद्घाटन के मौके पर क्या बोले एस. जयशंकर?

दिल्ली में होंडुरास दूतावास के उद्घाटन के मौके पर विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि यह उद्घाटन हमारे बीच संबंधों का मील का पत्थर है और दोनों देशों के बीच एक नया अध्याय शुरू करता है। उन्होंने आतंकवाद के सभी रूपों और अभिव्यक्तियों के खिलाफ होंडुरास की एकजुटता की सराहना भी की। जयशंकर ने इस समारोह को दोनों देशों के बीच बढ़ते सहयोग का प्रतीक बताया और कहा कि यह साझेदारी क्षेत्रीय और वैश्विक शांति के लिए महत्वपूर्ण है।

 

भारत और तालिबान के बीच संबंधों में मजबूती

28 अप्रैल को विदेश मंत्रालय के संयुक्त सचिव आनंद प्रकाश ने मुत्ताकी से मुलाकात की। भारत-पाकिस्तान के बढ़ते तनाव के बीच, भारतीय प्रतिनिधिमंडल काबुल पहुंचा और द्विपक्षीय व्यापार एवं सहयोग पर चर्चा की। जनवरी में विदेश सचिव विक्रम मिस्री और मुत्ताकी के बीच भी बातचीत हुई थी। हाल के समय में भारत ने तालिबान सरकार को आधिकारिक मान्यता तो नहीं दी, लेकिन उससे संवाद और संपर्क बढ़ाने की दिशा में कदम बढ़ाए हैं।

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