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शुभ्रांशु शुक्ला कल Axiom‑4 मिशन पर अंतरिक्ष के लिए रवाना होकर इतिहास रचेंगे

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अंतरिक्ष अन्वेषण की दुनिया में भारत एक बार फिर इतिहास रचने के लिए तैयार है। 1984 में विंग कमांडर राकेश शर्मा के बाद अब देश अपने दूसरे अंतरिक्ष यात्री को अंतरिक्ष में भेजने के लिए पूरी तरह तैयार है। ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला इस ऐतिहासिक उपलब्धि को लिखने के लिए तैयार हैं। वे अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) की यात्रा करने वाले पहले भारतीय बनेंगे। ग्रुप कैप्टन शुक्ला एक्सिओम स्पेस के ‘एक्सिओम-4’ मिशन का हिस्सा होंगे, जिसे ‘मिशन आकाश गंगा’ के नाम से भी जाना जाता है। वे कल नासा के कैनेडी स्पेस सेंटर से स्पेसएक्स के क्रू ड्रैगन अंतरिक्ष यान से लॉन्च होने वाले हैं।

 

इतिहास रचेंगे भारत के पहले व्यावसायिक नाटो-स्थित अंतरिक्ष यात्री

कल (10 जून 2025) भारत समयानुसार सुबह 5:52 बजे ग्रुप कैप्टन शुभ्रांशु शुक्ला अपनी Axiom‑4 (Ax‑4) मिशन के जरिये स्पेसX क्रू ड्रैगन कैप्सूल से अंतरिक्ष के लिए रवाना हो जाएंगे। वे इससे पहले गगणयान मानव मिशन के लिए चुने गए चार अंतरिक्ष यात्रियों में से एक हैं, लेकिन यह Ax‑4 मिशन उनकी पहली अंतरिक्ष उड़ान है। उनका यह कदम भारत के लिए मील का पत्थर होगा क्योंकि 1984 में राकेश शर्मा के बाद यह दूसरा मौक़ा है जब कोई भारतीय अंतरिक्ष में जा रहा है

 

ऐतिहासिक उड़ान से पहले जारी किया वीडियो

नमस्ते, मैं ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला हूं, ये गर्व भरे शब्द भारतीय वायुसेना के जांबाज टेस्ट पायलट शुभांशु शुक्ला के हैं जिन्होंने अंतरिक्ष में अपनी ऐतिहासिक उड़ान से पहले जारी एक वीडियो में यह बात कही है। 15 वर्षों तक एक कॉम्बैट पायलट रहे शुक्ला अब अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) की यात्रा करने वाले पहले भारतीय नागरिक बनने जा रहे हैं। यह ऐतिहासिक मिशन एक्सिओम स्पेस के ‘एक्सिओम-4’ मिशन के तहत लॉन्च किया जाएगा, जिसे ‘मिशन आकाश गंगा’ भी कहा जा रहा है। यह निजी अंतरिक्ष उड़ान 10 जून को नासा के कैनेडी स्पेस सेंटर से स्पेसएक्स के क्रू ड्रैगन सी213 यान के जरिए प्रक्षेपित होगी। लगभग 28 घंटे की यात्रा के बाद, यान 11 जून की रात करीब 10 बजे पर आईएसएस से जुड़ेगा।

 

अंतरिक्ष यात्रा के दौरान शुभांशु शुक्ला करेंगे विज्ञान और पोषण से जुड़े कई अहम प्रयोग

14 दिन की अंतरिक्ष यात्रा के दौरान शुभांशु शुक्ला इसरो और भारत सरकार के जैव-प्रौद्योगिकी विभाग (DBT) द्वारा तैयार किए गए कई वैज्ञानिक और पोषण संबंधी प्रयोग करेंगे। इनमें अंतरिक्ष में मेथी और मूंग के बीजों के अंकुरण की प्रक्रिया को समझना, माइक्रोग्रैविटी में बीजों को रखकर उन्हें धरती पर लाकर आगे की खेती के लिए प्रयोग करना, और लंबी अवधि की अंतरिक्ष यात्राओं के लिए पोषण व जीवन-समर्थन प्रणाली विकसित करना शामिल है। इसके अलावा, वे नासा के साथ मिलकर 5 संयुक्त वैज्ञानिक अध्ययन भी करेंगे।

 

घर में जश्न का माहौल, पोस्टरों और शुभकामनाओं से सजा आवास

ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला की ऐतिहासिक अंतरिक्ष यात्रा को लेकर उनके लखनऊ स्थित घर में खुशी का माहौल है। पूरे घर को उनके पोस्टरों और मिशन से जुड़ी तस्वीरों से सजाया गया है। परिवार और पड़ोसियों द्वारा शुभकामनाओं के साथ जश्न मनाया जा रहा है। शुक्ला Axiom Space के चौथे प्राइवेट अंतरिक्ष मिशन का हिस्सा बनकर इतिहास रचने को तैयार हैं। यह मिशन कल सुबह 8:22 बजे नासा के फ्लोरिडा स्थित कैनेडी स्पेस सेंटर से लॉन्च होगा।

 

“यह मेरे लिए एक सपना था” – बोले शुभांशु शुक्ला

अपनी अब तक की यात्रा को याद करते हुए ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने कहा, “यह एक लंबी यात्रा रही है। मैं खुद को बेहद सौभाग्यशाली मानता हूं कि मुझे अपने जीवन में उड़ान भरने का अवसर मिला, जो मेरे लिए एक सपना था। मैंने अंतरिक्ष यात्री दल में शामिल होने के लिए आवेदन दिया और आज मैं यहां हूं। एक्सिओम मिशन में शामिल होने की खबर मुझे उड़ान से ठीक एक हफ्ते पहले मिली।”

 

क्या है एक्सिओम-4 मिशन?

यह मिशन ह्यूस्टन स्थित एक्सिओम स्पेस द्वारा नासा की साझेदारी में संचालित किया जा रहा है। एक्सिओम-4 मिशन के तहत स्पेसएक्स का क्रू ड्रैगन अंतरिक्ष यान चार सदस्यीय अंतरराष्ट्रीय दल को अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) तक ले जाएगा। इस दल में मिशन कमांडर अमेरिका की डॉ. पैगी व्हिटसन, पोलैंड के स्लावोज उज़्नान्स्की-विस्निव्स्की, हंगरी के टिबोर कापू और भारत से ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला शामिल हैं।

 

पूर्व वायुसेना पायलट, अब मिशन पायलट

39 वर्षीय शुभ्रांशु शुक्ला लखनऊ के रहने वाले हैं और उन्होंने 2006 में भारतीय वायुसेना की फाइटर स्ट्रीम में शामिल होकर लगभग 2,000 घंटे उड़ान का अनुभव हासिल किया है, जिसमें Su‑30MKI, MiG‑21, MiG‑29, Jaguar, Hawk जैसे विमानों पर उड़ान उड़ाना शामिल है। उन्होंने ISRO‑NASA के सहयोग से Gaganyaan मिशन प्रशिक्षण भी पूरा किया है, लेकिन Ax‑4 मिशन में वह पहली बार ISS तक पहुंचेंगे।

 

ISS पर दो सप्ताह तक वैज्ञानिक अनुसंधान

Axiom‑4 स्पेस स्टेशन के लिए 14–21 दिन की यात्रा है, जो 10 जून को फ्लोरिडा के केनेडी स्पेस सेंटर से शुरू होगी और। यह मिशन ग्लोबल अनुसंधान परियोजनाओं का नेटवर्क है जिसमें 60 से अधिक प्रयोग शामिल हैं, जिनमें से 7 ISRO के स्वयं तैयार प्रयोग हैं—जैसे माइक्रोग्रैविटी में मसल रीजनरेशन, स्प्राउट ग्रोथ, माइक्रोएल्गीए का विकास इत्यादि साथ ही, ग्लूकोज रेगुलशन का डायबिटीज़ अध्ययन भी प्रमुख है।

 

अंतरराष्ट्रीय सहयोग और बहु-देशीय चालक दल

Ax‑4 मिशन की खासियत यह है कि इसके तीन अन्य अंतरिक्ष यात्री भी भारत के साथ होंगे—NASA की वेटरन कमांडर पेगी व्हिट्सन (पहली महिला अमेरिकी जो वंदे-धात्री अंतरिक्ष यात्री रही हैं), पोलैंड के स्लावोस उज़नांस्की‑विसनीएव्स्की, और हंगरी के टिबोर कपु व्हिट्सन ने शुभ्रांशु को “ऑपरेशनल सैवी, विकेड स्मार्ट” बताया, जबकि अन्य क्रूफेलो ने उन्हें तेज, माहिर और फोकस्ड बताया।

 

शुभ्रांशु का देशवासियों के नाम संदेश

उड़ान से पहले शुभ्रांशु ने कहा, “यह यात्रा सिर्फ मेरा नहीं, 1.4 अरब भारतवासियों की यात्रा होगी।” उन्होंने यह भी कहा, “यह अनुभव खुद से बड़ा है और मुझे बेहद सौभाग्यशाली महसूस होता है।” उनकी धुन भारत की युवा पीढ़ी को प्रेरित करने की है।

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