मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने एक महत्वपूर्ण घोषणा की है कि राजधानी भोपाल में प्रमुख सड़कों पर महापुरुषों के नाम पर द्वार बनाए जाएंगे, ताकि भोपाल और मध्य प्रदेश के गौरवशाली इतिहास को संरक्षित किया जा सके। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश की पहचान हमेशा से ही उसके वीर शासकों से रही है और इस समृद्ध विरासत को सुरक्षित रखने के लिए यह निर्णय लिया गया है। भोपाल का इतिहास परमार राजाओं, गोंड शासकों और नवाबों से गहराई से जुड़ा हुआ है। इसके अलावा, मध्य प्रदेश ने सम्राट विक्रमादित्य, राजा भोज, चंद्रगुप्त मौर्य, सम्राट अशोक और रानी दुर्गावती जैसे महान शासकों का शासन देखा है। सरकार की यह पहल इन महान हस्तियों की विरासत को और मजबूत करेगी।
हमारे वीर शासक हमारे देश की पहचान रहे हैं
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा, “हमारे वीर शासक हमारे देश की पहचान रहे हैं। सम्राट विक्रमादित्य ने 2100 साल पहले शासन किया और न्याय, वीरता, ज्ञान, दान और धैर्य के आदर्श स्थापित किए। उनके 1000 साल बाद, राजा भोज भी अपने तरीके से अभूतपूर्व शासक थे। भोपाल का अस्तित्व उन्हीं की देन है… हम अपनी राजधानी के मुख्य प्रवेश द्वारों का नाम ऐसे महान शासकों के नाम पर रखेंगे।”
स्मारक द्वारों के माध्यम से संस्कृति और परंपरा को मिलेगी मजबूती
पहले से ही ऐतिहासिक धरोहरों से समृद्ध भोपाल अब इन विशेष स्मारक द्वारों के माध्यम से अपनी संस्कृति और परंपरा को और अधिक मजबूती से प्रदर्शित करेगा। इन द्वारों का निर्माण शहर के प्रमुख मार्गों, चौराहों और प्रवेश स्थलों पर किया जाएगा। हर द्वार का नाम किसी महान नेता, स्वतंत्रता सेनानी, समाज सुधारक या ऐतिहासिक शख्सियत के नाम पर रखा जाएगा, जिससे आने वाली पीढ़ियां उनके योगदान को जान सकें।
पर्यटन को भी मिलेगा नया आयाम
सरकार के इस फैसले से न सिर्फ शहर की सुंदरता में इजाफा होगा, बल्कि पर्यटन को भी नया आयाम मिलेगा। जब भोपाल आने वाले पर्यटक इन भव्य द्वारों को देखेंगे, तो उन्हें राज्य के गौरवशाली इतिहास की झलक मिलेगी। यह पहल प्रदेश के अन्य शहरों के लिए भी प्रेरणास्रोत बनेगी। राजधानी के नागरिकों को अपने ऐतिहासिक व्यक्तित्वों पर गर्व करने का अवसर मिलेगा। ये द्वार न केवल स्थापत्य कला की उत्कृष्टता दर्शाएंगे, बल्कि राज्य की समृद्ध संस्कृति और परंपराओं का प्रतीक भी बनेंगे।
इससे पहले किसानों के लिए कि थी बड़ी घोषणा
इससे पहले सीएम मोहन यादव ने किसानों के लिए बड़ी घोषणा की थी। उन्होंने इस घोषणा में कहा था कि प्रदेश के धान उत्पादक किसानों को धान उपार्जन पर प्रति हेक्टेयर 4000 रुपये की प्रोत्साहन राशि इसी माह प्रदान की जाएगी। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि राज्य सरकार ने किसानों के कल्याण के लिए यह ऐतिहासिक निर्णय लिया था। उन्होंने आगे कहा था कि किसानों को पहले भी कई सौगातें दी गई हैं। मध्य प्रदेश में गेहूं उपार्जन पर 2600 रुपये प्रति क्विंटल की दर से भुगतान का निर्णय लिया गया।