तिरुमला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण चेतावनी जारी की है, जिसमें मंदिर परिसर और उसके आसपास सोशल मीडिया रील्स या वीडियो बनाने की बढ़ती प्रवृत्ति पर सख्त ऐतराज जताया गया है। टीटीडी के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी द्वारा जारी एक प्रेस नोट में स्पष्ट किया गया कि हाल में कई सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर ऐसी वीडियो सामग्री सामने आई है, जो न केवल तिरुमला मंदिर की पवित्रता को कमजोर करती हैं, बल्कि वहां आने वाले लाखों भक्तों की भावनाओं को भी ठेस पहुंचाती हैं।
पवित्र स्थल की पवित्रता और भक्तों की भावनाओं का सम्मान
तिरुपति मंदिर भारतीय हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण और अत्यंत श्रद्धेय स्थान है। यहां पर भगवान वेंकटेश्वर की पूजा की जाती है और लाखों श्रद्धालु हर दिन इस स्थान पर आकर दर्शन करते हैं। ऐसे में यह पवित्र स्थल भक्ति और श्रद्धा का केंद्र है। टीटीडी ने साफ तौर पर कहा है कि किसी भी तरह के मनोरंजन या दिखावे के लिए तिरुमला को इस्तेमाल करना “आपत्तिजनक” और “अनुचित” है। इससे मंदिर की पवित्रता और धार्मिक महत्ता पर प्रतिकूल असर पड़ता है। टीटीडी ने सोशल मीडिया पर इन वीडियो और रील्स को लेकर गंभीर चिंता व्यक्त की है, क्योंकि इस तरह की सामग्री धार्मिक स्थलों को मनोरंजन का एक साधन बना देती है, जिससे श्रद्धालुओं की भावनाओं को ठेस पहुंचती है। टीटीडी ने अपनी अपील में कहा कि इस प्रकार के व्यवहार से बचना चाहिए, क्योंकि यह स्थल केवल एक पर्यटन स्थल नहीं, बल्कि एक श्रद्धा और भक्ति का केंद्र है।
कड़ी कार्रवाई की चेतावनी
टीटीडी ने अपने विजिलेंस और सुरक्षा विभाग को कड़े निर्देश दिए हैं कि यदि कोई व्यक्ति मंदिर परिसर में वीडियो या रील्स बनाते हुए पाया जाता है, तो उस पर सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। ऐसा करने वालों के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया जाएगा और उन्हें न्यायिक प्रक्रिया में लाया जाएगा। इसके अलावा, यह भी कहा गया है कि सुरक्षा और सतर्कता से जुड़े अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है कि मंदिर परिसर में कोई भी अवांछनीय गतिविधि न हो।
श्रद्धालुओं से अपील: भक्ति का उल्लंघन न करें
टीटीडी ने सभी श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे मंदिर की पवित्रता और आध्यात्मिक गरिमा का सम्मान करें। उन्होंने सभी भक्तों से कहा कि वे सोशल मीडिया पर किसी भी प्रकार की अनुचित सामग्री से दूर रहें और तिरुमला की भूमि को केवल भक्ति और श्रद्धा का स्थान मानकर यहां आएं। यह स्पष्ट किया गया कि तिरुमला का आस्था स्थल है, न कि किसी प्रकार के प्रदर्शन या फोटोशूट का स्थल।
सोशल मीडिया की भूमिका और जागरूकता की जरूरत
सोशल मीडिया आजकल युवाओं के बीच एक बड़े प्रभाव के रूप में उभरा है। हालांकि इसका सकारात्मक उपयोग भी है, लेकिन धार्मिक स्थलों पर इसके नकारात्मक प्रभावों से बचने की आवश्यकता है। कई बार सोशल मीडिया पर ऐसे वीडियो वायरल हो जाते हैं जो एक धार्मिक स्थल के माहौल और उसकी गरिमा का उल्लंघन करते हैं। इस पर नियंत्रण रखना बेहद जरूरी है ताकि धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहरों का सम्मान बना रहे।
तिरुपति की ऐतिहासिक और धार्मिक महत्ता
तिरुपति मंदिर का धार्मिक महत्व अत्यधिक है, जो न केवल भारत में, बल्कि विदेशों में भी प्रसिद्ध है। इस मंदिर में भगवान वेंकटेश्वर की पूजा की जाती है, जिनके दर्शन के लिए हर दिन हजारों की संख्या में श्रद्धालु आते हैं। तिरुमला की ऐतिहासिक और धार्मिक पृष्ठभूमि को देखते हुए यह स्पष्ट है कि इसे केवल एक पवित्र स्थल के रूप में देखा जाए और यहां की पवित्रता को बनाए रखा जाए।