विधानसभा चुनाव को लेकर भारतीय जनता पार्टी का शीर्ष नेतृत्व लगातार कार्यकर्ताओं और उम्मीदवारों से संपर्क में है। जहां भारतीय जनता पार्टी ने तीन राज्यों में मुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित नहीं किया है। उनमें राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ शामिल हैं। वहीं भारतीय जनता पार्टी मध्य प्रदेश में अपनाये जा रहे अपने फार्मूले को राजस्थान में अपनाना चाहती है। जिसको लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने राजस्थान के जयपुर में मीटिंग भी की। बता दें कि इस मीटिंग में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने प्रमुख बातें रखीं। वहीं इस मीटिंग में राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल सन्तोष भी मौजूद रहे। इन भाजपा नेताओं के अलावा वसुंधरा राजे सिंधिया, राजेंद्र राठौड़, सतीश पूनिया, अरुण सिंह, विजया राहटकर, सह प्रभारी नितिन पटेल, गजेन्द्र सिंह शेखावत, राज्यवर्धन सिंह राठौड़ भी इस दौरान मौजूद रहे।
मध्यप्रदेश वाला फॉर्मूला राजस्थान में अपनाएगी भाजपा
भारतीय जनता पार्टी मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनाव में अपने जा रहे फार्मूले को राजस्थान में भी अपनाये जाने की तैयारी कर रही है। हालांकि अभी तक भारतीय जनता पार्टी ने आधिकारिक रूप से तो यह स्पष्ट नहीं किया है कि आखिर राजस्थान में उम्मीदवारों की लिस्ट किस प्रकार से होगी। लेकिन मीटिंग के बाद तमाम मीडिया रिपोर्ट्स में यह संभावना जताई जा रही है कि मध्य प्रदेश की तरह राजस्थान में भी भारतीय जनता पार्टी 4 से 5 सांसदों को विधानसभा चुनाव में उतार सकती है।
चार परिवर्तन यात्राएं कर जीता है प्रदेश का दिल
राजस्थान विधानसभा चुनाव को लेकर भारतीय जनता पार्टी काफी पहले से ही तैयारी कर रही है। जहां भारतीय जनता पार्टी ने राजस्थान की सभी 200 विधानसभा क्षेत्र में चार परिवर्तन यात्रा शुरू की थी। जहां यह परिवर्तन यात्राएं चारों दिशाओं से शुरू की गई थी। इस यात्रा का भारतीय जनता पार्टी को विधानसभा चुनाव में काफी लाभ मिलने की संभावना है। क्योंकि भारतीय जनता पार्टी ने लगभग 200 विधानसभा क्षेत्रों में लोगों से संपर्क करके अपनी नीतियों के बारे में जानकारी साझा की थी।
क्या होगी भाजपा की जीत आसान
राजस्थान विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी की टक्कर विपक्षी पार्टी कांग्रेस से होगी, क्योंकि वर्तमान में राजस्थान में कांग्रेस की सरकार है। जहां राजस्थान विधानसभा चुनाव में बेहद करीबी होने की संभावना है। दरअसल ऐसा इसलिए क्योंकि राजस्थान में हर बार सत्ता परिवर्तन होता है तो कांग्रेस पार्टी चाहेगी कि इस बार सत्ता परिवर्तन ना हो। लेकिन भारतीय जनता पार्टी राजस्थान में अपनी जीत की तैयारी कर रही है।