देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अचानक संसद का विशेष सत्र बुलाने का ऐलान किया है। जहां विशेष सत्र के ऐलान की बात से ही प्रयास लगने शुरू हो गए हैं कि आखिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अचानक से संसद का विशेष सत्र क्यों बुलाया है। बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद का विशेष सत्र बुलाने के एजेंडा का जिक्र नहीं किया है। आखिर प्रधानमंत्री द्वारा विशेष सत्र बुलाने का एजेंडा क्या होगा, इसको लेकर विपक्षी गठबंधन इंडिया की मुंबई में हुई दो दिवसीय मीटिंग में भी चर्चा की गई। वहीं सूत्रों के हवाले से भी कई जानकारियां सामने आई हैं।
18 से 22 सितंबर तक चलेगा संसद का विशेष सत्र
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा संसद का जो विशेष सत्र बुलाया गया है, उसके लिए तारीख जारी कर दी गई हैं। संसद का विशेष सत्र 18 सितंबर से 22 सितंबर तक चलेगा। यानी की 5 दिन संसद का विशेष सत्र चलेगा। जिसमें किसी विशेष विषय पर चर्चा हो सकती है। हालांकि सूत्रों के हवाले से तो यह भी खबर मिल रही है कि इस विशेष सत्र में एक देश एक चुनाव पर बिल पेश हो सकता है। लेकिन केंद्र सरकार की ओर से इस विषय पर कोई जानकारी साझा नहीं की गई है।
यूसीसी पर भी बिल लाने की चर्चा
देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा जैसे ही संसद का विशेष सत्र बुलाने का ऐलान किया गया, तो सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों में इस विशेष सत्र के एजेंडे को लेकर चर्चाएं होने लगीं। विशेष सत्र को लेकर यह भी खबर सामने आने लगी कि विशेष सत्र में यूसीसी अर्थात एक देश एक कानून पर बिल लाया जा सकता है। फिलहाल विशेष सत्र को लेकर हर जगह चर्चाओं का बाजार गर्मा हुआ है।
बिल को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष में हो सकती है तकरार
संसद में विशेष सत्र में किस विषय पर चर्चा होगी या फिर कौन सा बिल पास होगा इसको लेकर अभी कोई स्पष्ट जानकारी सामने नहीं आई है। लेकिन एक बात तो पूरी तरह स्पष्ट है कि सत्ता पक्ष कोई भी बिल पास करेगा, तो विपक्ष से तकरार तो होगी ही। लेकिन इसका कोई असर संसद में नहीं दिखेगा। क्योंकि सत्ता पक्ष के पास बहुमत है। ऐसे में अगर केंद्र सरकार यूसीसी या फिर एक देश एक चुनाव को लेकर कोई बिल लाती है, तो संसद से पास होने में उसे कोई दिक्कत नहीं होगी।