लोकसभा चुनाव 2024 से पहले पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं। जहां इसको लेकर भारतीय जनता पार्टी कड़ी तैयारी कर रही है। बता दें कि भारतीय जनता पार्टी ने मध्यप्रदेश में बड़ा मास्टर स्ट्रोक खेला है। मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव को लेकर भारतीय जनता पार्टी ने उम्मीदवारों की दूसरी लिस्ट जारी कर दी है। जहां इस लिस्ट में 3 केंद्रीय मंत्रियों सहित 7 सांसदों को मध्यप्रदेश विधासभा चुनाव के मैदान में उतारा गया है। लेकिन इस फैसले के पीछे आखिर भारतीय जनता पार्टी का प्लान क्या है ? क्या भारतीय जनता पार्टी इस मास्टरस्ट्रोक से मध्यप्रदेश में जीत हासिल करने में कामयाब होगी ?
केंद्रीय मंत्रियों सहित सांसदों को यहां से मिली टिकट
भारतीय जनता पार्टी ने मध्यप्रदेश चुनाव की दूसरी लिस्ट जारी करते हुए स्पष्ट कर दिया कि किसको कहां से टिकट मिलेगा। बता दें कि केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को मुरैना की दिमनी सीट से, सतना से गणेश सिंह, सीधी से रीती पाठक, जबलपुर पश्चिम से राकेश सिंह, गडरवारा से सांसद उदय प्रताप सिंह, नरसिंहपुर से प्रह्लाद पटेल और निवास सीट से फग्गन सिंह कुलस्ते को विधानसभा टिकट दिया गया है। इसके साथ ही भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महामंत्री कैलाश विजयवर्गीय को भी इंदौर सीट से टिकट दिया गया है।
मध्यप्रदेश में अपनाया जा रहा यूपी वाला तरीका
भारतीय जनता पार्टी ने जैसे ही मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए प्रत्याशियों की दूसरी लिस्ट जारी की, वैसे ही ये स्थिति स्पष्ट हो गई कि भारतीय जनता पार्टी मध्यप्रदेश में मास्टरस्ट्रोक खेल रही है। बता दें कि उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव 2017 में भी भारतीय जनता पार्टी ने ठीक ऐसा ही किया था। जहां हर क्षेत्र से ऐसा प्रत्याशी उतारा था कि उस हर क्षेत्र के लोगों को वही मुख्यमंत्री का चेहरा लग रहा था। इस तरीके से भारतीय जनता पार्टी ने उत्तर प्रदेश में रिकॉर्ड जीत हासिल करते हुए करीब 14 साल बाद उत्तर प्रदेश में अपनी सरकार बनाई थी। इसी रणनीति को मध्यप्रदेश के चुनाव में भी अपनाया जा रहा है।
प्रदेश अध्यक्ष को भी चुनावी मैदान में उतारने की तैयारी
मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारों की दूसरी लिस्ट केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जारी की है। जहां सूचना यह भी मिल रही है कि दूसरी लिस्ट तैयार करने के लिए प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा की भी सलाह ली गई है। इतना ही नहीं माना यह भी जा रहा है कि मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में प्रदेश अध्यक्ष को भी प्रत्याशी का चेहरा बनाकर चुनावी मैदान में उतारा जा सकता है।