राम मंदिर उद्घाटन को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष के कई नेताओं को निमंत्रण भेजा गया है। हालांकि निमंत्रण पत्र को लेकर अभी तक चर्चाएं जारी हैं। राम मंदिर उद्घाटन के लिए विपक्षी पार्टियों के जिन नेताओं को निमंत्रण मिल रहा है, उन्होंने अभी तक राम मंदिर उद्घाटन में पहुंचने की पुष्टि नहीं की है। वहीं राम मंदिर उद्घाटन के लिए जिन नेताओं को निमंत्रण नहीं मिल रहा है, वह भारतीय जनता पार्टी पर निशाना साध रहे हैं। हालांकि इसी कड़ी में सपा मुखिया अखिलेश यादव का ऐसा बयान सामने आया है, जो चर्चा का विषय बना हुआ है।
अखिलेश यादव को मिला राम मंदिर उद्घाटन का निमंत्रण
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को राम मंदिर के उद्घाटन में शामिल होने के लिए निमंत्रण दिया गया है। सपा मुखिया को राम मंदिर उद्घाटन में शामिल होने के लिए निमंत्रण विश्व हिन्दू परिषद के नेता आलोक कुमार ने दिया। बता दें कि सपा मुखिया अखिलेश यादव ने हाल ही में बयान देते हुए कहा था कि अगर उन्हें राम मंदिर उद्घाटन के लिए निमंत्रण दिया जायेगा, तो वह राम मंदिर उद्घाटन में जरूर शामिल होंगे।
अखिलेश यादव ने ठुकराया निमंत्रण
सपा मुखिया अखिलेश यादव ने विश्व हिन्दू परिषद के नेता आलोक कुमार द्वारा राम मंदिर उद्घाटन के दिए गए निमंत्रण को अस्वीकार कर दिया। इसके साथ ही अखिलेश यादव ने आलोक यादव को अनजान कह दिया। अखिलेश यादव ने कहा, “मैं आलोक कुमार को नहीं जानता हूं। निमंत्रण वह देते हैं, जो एक दूसरे को जानते हैं। मेरी उनसे कोई मुलाकात नहीं हुई। जिसका परिचय एक दूसरे से होता है, वही एक दूसरे को व्यवहार देते हैं।”
विश्व हिंदू परिषद के नेता ने दिया बयान
विश्व हिंदू परिषद के नेता आलोक कुमार ने अखिलेश यादव को लेकर बयान देते हुए कहा, “अखिलेश यादव कह रहे हैं कि अगर भगवान राम बुलाएंगे, तो वह जायेंगे। ऐसे में अगर वह नहीं जाएंगे, तो स्पष्ट हो जाएगा कि भगवान राम भी नहीं चाहते कि वह अयोध्या आएं।” हालांकि उन्होंने इससे पहले अखिलेश यादव के उस बयान का भी जिक्र किया, जिसमें अखिलेश यादव ने निमंत्रण मिलने के बाद उद्घाटन में शामिल होने का दावा किया था।