लोक पहल जन मंच

खबरें देश की, विचार देश के

Generic selectors
Exact matches only
Search in title
Search in content
Post Type Selectors
post
Generic selectors
Exact matches only
Search in title
Search in content
Post Type Selectors
post
Generic selectors
Exact matches only
Search in title
Search in content
Post Type Selectors
post

23 साल बाद महिला आरक्षण विधेयक होगा पास, संसद के विशेष सत्र में केंद्र सरकार पेश करेगी बिल

News Content

प्रधानमंत्री द्वारा संसद का जो विशेष सत्र बुलाने का ऐलान किया गया था, उसका आयोजन 18 सितंबर से शुरू हो गया है। बता दें कि विशेष सत्र पहले दिन पुराने संसद भवन में चला। जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऐतिहासिक भाषण देते हुए इस सदन में चलने वाली सभी चर्चाओं को याद किया और जितने प्रधानमंत्री इस संसद में आए उनका भी जिक्र किया। जहां अब संसद का विशेष सत्र नए संसद भवन में चलेगा। वहीं इस दौरान नए संसद भवन में महिला आरक्षण को लेकर बिल पास किए जाने की संभावनाएं नजर आ रही हैं। 

आज नए संसद भवन में होगा फोटो सेशन

पुराने संसद भवन से विदाई लेने के बाद अब सभी सदस्य आज नए संसद भवन में पहुंच रहे हैं। जहां आज नए संसद भवन में फोटो सेशन का आयोजन किया जायेगा। आज नए संसद भवन में शायद ही विशेष सत्र के उद्देश्य को लेकर चर्चा हो। नए संसद भवन का पहला दिन फोटो सेशन और आपसी बातचीत में ही निकल जायेगा। हालांकि समय हुआ, तो आज किसी बिल को लेकर चर्चा भी हो सकती है। परंतु संभावना यही जताई जा रही है कि आज नए संसद भवन में कोई विशेष चर्चा नहीं होगी।

बुधवार को नए संसद भवन में महिला आरक्षण को लेकर हो सकती है चर्चा

संसद के विशेष सत्र का आयोजन तो 18 सितंबर से ही शुरू हो गया है, लेकिन संसद की असल कार्यवाही कल बुधवार यानी की 20 सितंबर से ही शुरू होने की संभावना है। जहां बुधवार को केंद्र सरकार द्वारा नए संसद में भवन में विशेष सत्र के दौरान महिला आरक्षण को लेकर चर्चा की जा सकती है। जहां संभावना यह भी जताई जा रही है कि इस विशेष सत्र में ही महिला आरक्षण का बिल पेश करके, इसे संसद में पारित करते हुए इस पर कानून बनाया जा सकता है।

27 साल बाद विधेयक हो सकता है पास

महिला आरक्षण का मामला नया नहीं है। यह मामला पहले भी संसद में आ चुका है। जहां एचडी देवगौड़ा की सरकार के समय 12 सितंबर 1996 को संसद में महिला आरक्षण को लेकर बिल पेश किया गया था। लेकिन वह बिल पास नहीं हो सका। जहां अब 27 साल बाद संभावना है कि केंद्र की मोदी सरकार द्वारा इस विशेष सत्र में महिला आरक्षण का बिल पेश करके इसे कानून बनाया जायेगा। बता दें कि एचडी देवगौड़ा की सरकार के समय जब तक बिल पेश किया गया था, तब इस बिल का मुख्य उद्देश्य महिलाओं को लोकसभा और सभी राज्य विधानसभाओं में 15 साल के लिए 33 फीसदी सीटें आरक्षित हों। 

Facebook
Twitter
LinkedIn
Pinterest
Pocket
WhatsApp