आगमी लोकसभा चुनाव को लेकर सभी पार्टियां तैयारी में जुटी हुई हैं। जहां चुनाव जीतने के लिए कांग्रेस ने गठबंधन बनाया था। वहीं अब गठबंधन की पार्टियां कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हो रही हैं। नीतीश कुमार के बाद अब रालोद पार्टी के अध्यक्ष जयंत चौधरी भी भाजपा में शामिल हो जा रहे हैं। वहीं ममता बनर्जी और शिवसेना ने अकेले चुनाव लड़ने का फैसला किया है। रालोद और समाजवादी पार्टी में अलगाव साफ नजर आ रहा है। जयंत चौधरी की भाजपा से बढ़ रही दोस्ती I.N.D.I.A गठबंधन के लिए करारा झटका साबित हो सकती है।
जयंत चौधरी ने की भाजपा से चार सीटों की मांग
राष्ट्रीय लोकदल अब समाजवादी पार्टी का साथ छोड़कर भाजपा के साथ दोस्ती का हाथ बढ़ाया है। जयंत चौधरी की सारी शर्तो को भी लगभग मान लिया गया है। भाजपा ने रालोद को लोकसभा की दो सीटों के साथ राज्यसभा की एक सीट का प्रस्ताव दिया है, लेकिन रालोद ने भाजपा से चार सीटों की मांग की है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार भाजपा रालोद की मांग को पूरा कर सकती है और एक दो दिन में इसकी घोषणा भी कर सकती है।
रालोद को कैबिनेट रैंक को मिलेगा मंत्रिपद, भाजपा ने किया वादा
भाजपा की नजर इन दिनों पश्चिमी उत्तर प्रदेश पर है। भाजपा ने रालोद को पश्चिमी उत्तर प्रदेश की उन सीटों को देने का वादा किया है, जो चुनाव के नजरिए से महत्वपूर्ण स्थान रखती हैं। बीजेपी ने जयंत को जिन सीटों को देने का दावा किया है, वो जाट बहुल क्षेत्र है। इसके अलावा भाजपा ने केंद्र में फिर वापसी पर रालोद को एक कैबिनेट रैंक का मंत्रिपद भी देने का वादा किया है।
रालोद को मिल सकती हैं ये सीटें
भाजपा से शुरुआती मुलाकात में जयंत चौधरी ने सहारनपुर, बागपत, बिजनौर और मथुरा की मांग की थी। दलित-मुस्लिम समीकरण के लिए नगीना, संभल एवं अमरोहा में किसी एक सीट की भी मांग की गई थी, किंतु भाजपा ने साफ इनकार कर दिया । बाद में भाजपा की तरफ से लोकसभा की दो एवं राज्यसभा की एक सीट की पेशकश कर बात को विराम दे दिया गया।