संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान राज्यसभा में विपक्ष ने सभापति पर पक्षपाती होने का आरोप लगाया। इसी पर सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा, “मैं किसान का बेटा हूं, मैं मर जाऊंगा मगर झुकूंगा नहीं। आप लोगों ने संविधान की धज्जियां उड़ा दीं, मैंने बहुत बर्दाश्त किया।”
मैं किसान का बेटा हूं, झुकूंगा नहीं
सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा, “आपको पीड़ा होती है कि इस कुर्सी पर एक किसान का बेटा कैसे बैठा है। मैं किसान का बेटा हूं, झुकूंगा नहीं। आज किसान केवल खेत तक सीमित नहीं है। आज का किसान हर जगह कार्यरत है। सरकारी नौकरी नौकरी में भी है, उद्योग में भी है। आप मेरे खिलाफ प्रस्ताव लाए,आपका अधिकार है। इसपर चर्चा हो आपका अधिकार है, आपने क्या किया? संविधान की धज्जियां उड़ा दी। आपके यहां से बयान जारी होता है कि हमारे प्रस्ताव का क्या हुआ? आपका प्रस्ताव आ गया, अब 14 दिन बाद इसपर फैसला होगा।
देश के विरोध में कोई काम नहीं करने दूंगा
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ इस दौरान काफी आक्रोशित नजर आए। उन्होंने कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी पर निशाना साधते हुए कहा, “प्रमोद जी, आप अनुभवी नेता हैं, आपने क्या-क्या कहा है। मैं खरगे जी की इज्जत करता हूं, 100 प्रतिशत करता हूं, लेकिन इतना अनुरोध करता हूं कि मान्यवर, मुझ पर कृपा करिए। जो समय आपको ठीक लगे, मेरे से मिलने का समय निकालिए। अगर आप मेरे पास नहीं आ सकते हैं तो मैं आऊंगा।” उन्होंने आगे कहा, “किसी भी हालत में कमजोर नहीं पड़ूंगा। सबकी सुनूंगा, पूरे दिन सुनूंगा। कमजोर नहीं पड़ूंगा। देश के विरोध में कोई काम नहीं करने दूंगा, किसान के विरोध में कोई काम नहीं करने दूंगा।”
कांग्रेस ने कभी राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति का सम्मान नहीं किया
इस दौरान राज्यसभा में बीजेपी सांसद राधामोहन दास अग्रवाल ने भी अपनी बात रखी। उन्होंने कहा, “मैं जानता हूं कि सदन में अखबार की क्लिपिंग नहीं दिखाई जा सकती है, लेकिन अखबार आपके खिलाफ अभद्र भाषा से भरे हुए हैं। कांग्रेस ने कभी राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति का सम्मान नहीं किया। मैं खरगे जी के ट्विटर पर गया। कितना आश्चर्य होता है, एक बार जब आपने अविश्वास दे दिया तो 14 दिन इंतजार करते। आपने सोशल मीडिया से गंभीर आरोप लगाए। 82 साल की उम्र में ऐसी चाटुकारिता नेता प्रतिपक्ष करेगा, इसकी कल्पना मैंने नहीं की थी।” उन्होंने आगे कहा, “सत्ता में बैठे हुए लोग चौधरी चरण सिंह को अपमानित कर रहे थे। इन्होंने सदन में विशेषाधिकार का हनन किया है। आपको अविश्वास प्रस्ताव दिया गया है तो यह हमें अखबारों से नहीं, सदन के माध्यम से जानना होगा। अविश्वास प्रस्ताव पर दस्तखत करने वालों के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव पास कीजिए।”
विपक्ष किसान और ओबीसी विरोधी है
बीजेपी सांसद सुरेंद्र नागर ने कहा, “एक व्यक्ति जिसका जन्म राजस्थान के एक किसान परिवार में हुआ, जो ओबीसी समुदाय से आता है। एक सभापति और उपराष्ट्रपति के रूप में वह सर्वोच्च पद पर है। विपक्ष का अविश्वास प्रक्ताव दिखाता है कि वह किसान और ओबीसी विरोधी है। “