लोकसभा चुनाव 2024 के लिए विपक्षी गठबंधन इंडिया की मुश्किलें खत्म नहीं हो रही हैं। बता दें कि 19 दिसंबर को राजधानी दिल्ली में इंडिया गठबंधन की बैठक का आयोजन किया गया, जिसमें गठबंधन में शामिल पार्टियों ने शिरकत की। इस बैठक में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे का नाम प्रधानमंत्री उम्मीदवार के रूप में पेश किया गया, जिस पर कई पार्टियों ने सहमति जताई, तो कई पार्टियों ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। हालांकि अब इसी बीच एनसीपी प्रमुख शरद पवार की टिप्पणी सामने आई है। उन्होंने प्रधानमंत्री उम्मीदवार के रूप में मल्लिकार्जुन खड़गे के नाम पर असहमति जताई है।
कहा – 1977 में भी नहीं था प्रधानमंत्री का चेहरा
विपक्षी गठबंधन की तरफ से प्रधानमंत्री उम्मीदवार को लेकर शरद पवार ने इशारों में ही इस बात को स्पष्ट कर दिया है कि वह मल्लिकार्जुन खड़गे की दावेदारी से सहमत नहीं है। उन्होंने कहा कि 1977 के लोकसभा चुनाव के दौरान भी प्रधानमंत्री उम्मीदवार का चेहरा घोषित नहीं किया गया था। अपने बयान में उन्होंने आगे कहा, “चुनाव के बाद विपक्ष की तरफ से मोराराजी देसाई को प्रधानमंत्री बनाया गया था। उस समय भी कहा गया था कि अगर कोई चेहरा सामने नहीं लाएंगे, तो नतीजे भी पक्ष में नहीं होंगे। अगर लोग बदलाव के मूड में हैं तो वे जरूर बदलाव लाने के लिए निर्णय लेंगे।”
ममता बनर्जी ने दिया था प्रस्ताव
विपक्षी गठबंधन इंडिया की तरफ से प्रधानमंत्री उम्मीदवार के लिए कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे का प्रस्ताव पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने रखा था। इस प्रस्ताव पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल सहित कुल 12 पार्टियों ने सहमति जताई थी। वहीं बैठक में शामिल अन्य 28 पार्टियों ने इस प्रस्ताव पर तत्काल कोई भी प्रतिक्रिया देने से इनकार कर दिया था। यही कारण रहा कि मल्लिकार्जुन खड़गे के नाम का प्रस्ताव आगे नहीं बढ़ सका।
क्या बिना प्रधानमंत्री चेहरे के भाजपा से टक्कर लेगा विपक्षी गठबंधन?
विपक्षी गठबंधन इंडिया की तरफ से प्रधानमंत्री उम्मीदवार के रूप में मल्लिकार्जुन खड़गे के नाम का प्रस्ताव आने के बाद लालू यादव और नीतीश कुमार नाराज हो गए। वहीं इसके बाद अब एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार भी नाराज हो गए हैं। ऐसे में क्या विपक्षी गठबंधन इंडिया बिना प्रधानमंत्री चेहरे के लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी से टक्कर लेगा? क्योंकि गठबंधन बने काफी समय हो गया है, लेकिन अभी तक विपक्ष की तरफ से प्रधानमंत्री का चेहरा घोषित नहीं किया गया है। जो नाम प्रधानमंत्री चेहरे के रूप में सामने आ रहा है, उस पर सभी पार्टियों सहमति जताने को तैयार नहीं हैं। ऐसे में विपक्ष के लिए सीट शेयरिंग के साथ-साथ प्रधानमंत्री पद का चेहरा चुनना भी बड़ी मुश्किल बनता जा रहा है।