कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी सहित कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अधीर रंजन चौधरी द्वारा राम मंदिर उद्घाटन का निमंत्रण अस्वीकार किए जाने के बाद भारतीय जनता पार्टी कांग्रेस पार्टी पर लगातार हमला बोल रही है। हालांकि कांग्रेस पार्टी भारतीय जनता पार्टी पर राम मंदिर का राजनीतिक करने का आरोप लगा रही है। परंतु इसी बीच कांग्रेस पार्टी के ही अंदर कांग्रेस के इस फैसले का विरोध होने लगा है। बता दें कि कांग्रेस के पूर्व विधायक लक्ष्मण सिंह ने भी इस कांग्रेस पार्टी के फैसले को गलत ठहराया है।
कांग्रेस के पूर्व विधायक ने किया कांग्रेस
मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह के भाई लक्ष्मण सिंह ने कांग्रेस के इस फैसले का विरोध करते हुए कहा, “तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी जी ने राम मंदिर का ताला खुलवाया था। उस वक्त वीर बहादुर सिंह यूपी के मुख्यमंत्री थे। तत्कालीन मुख्यमंत्री ने राम मंदिर न्यास को भव्य राम मंदिर के निर्माण के लिए 46 एकड़ जमीन देने का वादा भी किया था।” उन्होंने आगे कहा, “मुख्यमंत्री तब हट गए और राजीव जी की हत्या के बाद ये मामला खटाई में पड़ गया। पूरे देश के साधु-संतों ने इस लड़ाई को लड़ा। कई बुद्धजीवी, पत्रकार और राजनीतिक दल जुड़े, जिन्होंने ये लड़ाई लड़ी वो ही निंमत्रण का फैसला करेंगे।”
आचार्य प्रमोद कृष्णम ने भी किया विरोध
कांग्रेस पार्टी द्वारा राम मंदिर उद्घाटन में न जाने की फैसले का आचार्य प्रमोद कृष्णम ने भी विरोध किया है। आचार्य प्रमोद कृष्णम का कहना है कि मंदिर के उद्घाटन के निमंत्रण को ठुकराना दुर्भाग्य का विषय है। वहीं उन्होंने कहा, “मैं सबसे हाथ जोड़कर अपील करता हूं कि राम को किसी एक पार्टी तक सीमित मत रखो। राम को अगर एक पार्टी का मानोगे, तो फिर अयोध्या को भी एक पार्टी को सौंपना पड़ेगा।” उन्होंने कहा कि जो पार्टियां भगवान राम के मंदिर के उद्घाटन के निमंत्रण को अस्वीकार कर रही हैं, वह गलत कर रही हैं।
चुनाव में होगा नुकसान
कांग्रेस के पूर्व विधायक लक्ष्मण सिंह ने राम मंदिर के निमंत्रण को ठुकराए जाने के कांग्रेस के फैसले को लेकर कहा, “निमंत्रण को अस्वीकार करने का क्या मतलब है। हम क्या संदेश दे रहे हैं। राजीव जी ने ताला खुलावाया था तो आप कौन हैं मना करने वाले।” वहीं उन्होंने कांग्रेस पार्टी के इस फैसले को चुनाव से जोड़ते हुए कहा कि इसका परिणाम चुनाव में देखने को मिलेगा। उन्होंने कहा, “चुनाव में जैसे परिणाम आ रहे हैं, आगे भी वैसे ही परिणाम आते रहेंगे। जो नुकसान होना था, वो तो हो चुका है, वो चुनाव में दिख जाएगा।”