लोकसभा चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आते जा रहा है, वैसे ही विपक्षी पार्टियों ने भारतीय जनता पार्टी पर जुबानी हमला करना तेज कर दिया है। जहां इस कड़ी में समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भारतीय जनता पार्टी पर निशाना साधते हुए कहा कि वर्ष 2024 का लोकसभा चुनाव आते-आते भारतीय जनता पार्टी भी जाति आधारित जनगणना की बात करने लगेगी। इस दौरान अखिलेश यादव ने यह भी कहा कि जाति आधारित जनगणना से ही पिछड़ों व दलितों को उनका हक व सम्मान मिलेगा।
जातिगत जनगणना को लेकर आश्वासन भी दे सकती है भाजपा
अखिलेश यादव ने पार्टी के प्रदेश मुख्यालय में शुक्रवार को आयोजित हुई कश्यप, निषाद, बिंद व मछुआ समाज की बैठक में भारतीय जनता पार्टी पर जमकर हमला बोला। जहां उन्होंने जातिगत जनगणना को लेकर कहां के भारतीय जनता पार्टी आगामी लोकसभा चुनाव आते-आते जातिगत जनगणना की बात करने लगेगी। इतना ही नहीं उन्होंने भारतीय जनता पार्टी पर निशाना साधते हुए आगे कहा कि हो सकता है कि चुनाव की वजह से भारतीय जनता पार्टी जातिगत जनगणना का आश्वासन भी दे दे।
कौन कर रहा जातिगत जनगणना की बात ?
सपा मुखिया अखिलेश यादव ने भारतीय जनता पार्टी पर आगामी लोकसभा चुनाव को देखते हुए जातिगत जनगणना कराए जाने का वादा करने की संभावना व्यक्त की। लेकिन सपा मुखिया अखिलेश यादव इस दौरान यह बात भूल गए कि जातिगत जनगणना की बात कौन सी पार्टी कर रही है। कौन सी पार्टी वोट बैंक को साधने के लिए जातिगत जनगणना का लालच दे रही है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि बिहार में हुई जाति का जनगणना के बाद से ही इंडिया गठबंधन ने देश में जातिगत जनगणना कराने का आश्वासन देना शुरू कर दिया है। लेकिन अखिलेश यादव भारतीय जनता पार्टी का घेराव करते हुए जातिगत जनगणना की बात कर रहे हैं। जातिगत जनगणना को लेकर विपक्षी पार्टियों की तरफ से कहा गया था कि जिसकी जितनी आबादी उसका उतना हक। यह दर्शाता है कि विपक्षी पार्टियां आबादी के हिसाब से संसाधन उपलब्ध कराकर देश को बांटना चाहती हैं।
भारतीय जनता पार्टी नहीं बांटना चाहती देश
भारतीय जनता पार्टी शुरुआत से ही जातिगत जनगणना करने के विरोध में है। बता दें कि जब सभी विपक्षी पार्टियों ने जातिगत के पक्ष में बोलना शुरू किया, तब भी भारतीय जनता पार्टी इसके विरोध में रही है। दरअसल भारतीय जनता पार्टी का कहना है कि हम जातिगत जनगणना कर कर देश को बांट नहीं सकते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जातिगत जनगणना को लेकर अपने बयान में कहा था कि मेरे लिए सबसे बड़ी जाति गरीब है और मेरी सरकार गरीबों की भलाई में लगी है। अपने भाषण के दौरान उन्होंने आगे यह भी कहा था कि चाहे गरीब दलित हो, पिछड़ा हो, अगर गरीब का भला होगा, तो देश का भला होगा। ऐसे में अखिलेश यादव का भारतीय जनता पार्टी पर आरोप लगाना बेबुनियाद है।