अयोध्या में भगवान श्रीराम की प्राण प्रतिष्ठा भव्य रूप में संपन्न हो गई है। प्राण प्रतिष्ठा से पहले कांग्रेस पार्टी के नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ करते हुए बड़ा बयान दिया था। दरअसल उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ करते हुए कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नहीं होते, तो राम मंदिर का निर्माण नहीं हो पाता। बता दें कि आचार्य प्रमोद कृष्णम ने यह बयान उस वक्त दिया जब कांग्रेस पार्टी पहले ही प्राण प्रतिष्ठा में जाने का निमंत्रण ठुकरा चुकी थी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दिया श्रेय
अयोध्या में भगवान श्रीराम की प्राण प्रतिष्ठा और मंदिर निर्माण का श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दिया। उन्होंने कहा, “मंदिर का जो निर्माण हुआ है, वो अदालत के फैसले से हुआ है। सुप्रीम कोर्ट ने फैसला दिया और भगवान श्रीराम की जन्मभूमि पर मंदिर का निर्माण शुरु हुआ।” उन्होंने कहा, “अगर मोदी देश के प्रधानमंत्री ना होते, तो ये फैसला ना हो पाता और यह मंदिर नहीं बन पाता। मैं राम मंदिर के निर्माण और इसके प्राण प्रतिष्ठा के शुभ दिन का श्रेय प्रधानमंत्री मोदी को देना चाहता हूं।”
बीजेपी से लड़ें, लेकिन राम से नहीं
कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम ने राम मंदिर उद्घाटन का निमंत्रण अस्वीकार करने वाले नेताओं पर भी निशाना साधते हुए कहा, “यह दुर्भाग्यपूर्ण है। कोई ईसाई या पुजारी या मुस्लिम भी भगवान राम के निमंत्रण को अस्वीकार नहीं कर सकता, राम भारत की आत्मा हैं। राम के बिना, भारत की कल्पना भी नहीं की जा सकती। निमंत्रण अस्वीकार करने का मतलब भारत की सभ्यता और संस्कृति का अपमान करना है। वहीं उन्होंने विपक्षी दलों से आग्रह करते हुए कहा, “मैं चाहता हूं, बीजेपी से लड़ें, लेकिन राम से नहीं।बीजेपी से लड़ें, लेकिन सनातन से नहीं। बीजेपी से लड़ो, लेकिन भारत से नहीं।”
राम मंदिर उद्घाटन में नहीं पहुंचे विपक्षी नेता
राम मंदिर उद्घाटन के लिए कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी के साथ-साथ वरिष्ठ नेता अधीर रंजन चौधरी को भी आमंत्रित किया गया था, लेकिन इन्होंने पहले ही राम मंदिर उद्घाटन के निमंत्रण को यह कहकर ठुकरा दिया था कि भाजपा चुनावी लाभ के लिए अर्धनिर्मित राम मंदिर का उद्घाटन कर रही है। वहीं राम मंदिर उद्घाटन में अन्य विपक्षी नेता भी शामिल नहीं हुए। एक तरफ विपक्ष चुनावी लाभ कमाने के लिए राम का नाम अपना रहा है। वहीं दूसरी तरफ विपक्ष राम मंदिर उद्घाटन में भी नहीं पहुंचा।