छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव को लेकर भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस पार्टी के बीच कड़ी टक्कर दिखाई दे रही है। दोनों ही पार्टियों द्वारा चुनाव को नजदीक देखते हुए जोरों शोरों से चुनाव प्रचार किया जा रहा है। जहां कांग्रेस द्वारा भारतीय जनता पार्टी को गरीब विरोधी पार्टी बताया जा रहा है। दरअसल कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने भारतीय जनता पार्टी पर आदिवासियों के साथ भेदभाव करने और अछूत मानने का आरोप लगाया। इस दौरान उन्होंने बड़ा आरोप लगाया कि भाजपा गरीबों की नहीं सुनती, क्योंकि भाजपा गरीब विरोधी पार्टी है।
भाजपा पर राष्ट्रपति और पूर्व राष्ट्रपति को अछूत मानने का आरोप
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने आदिवासियों को लेकर भारतीय जनता पार्टी पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि ‘प्रधानमंत्री मोदी और भारतीय जनता पार्टी हमेशा कहती है कि उन्होंने आदिवासी को राष्ट्रपति बनाया, लेकिन आदिवासी राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को नए संसद भवन के उद्घाटन में नहीं बुलाया गया।’ कांग्रेस अध्यक्ष ने पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ को भी नहीं बुलाए जाने को लेकर कहा कि ‘नए संसद भवन का शिलान्यास हुआ, तब दलित बिरादरी से आने वाले तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को नहीं बुलाया गया, क्योंकि वे उन्हें अछूत मानते हैं।”
आखिर कौन कर रहा जातिगत जनगणना की बात
कांग्रेस पार्टी ने भाजपा को गरीब विरोधी पार्टी बताया। लेकिन कांग्रेस द्वारा पूरे भारत में जातिगत जनगणना कराए जाने की मांग की जा रही है। जिसमें कांग्रेस पार्टी द्वारा नारा दिया जा रहा है कि ‘जिसकी जितनी आबादी, उसका उतना हक’, लेकिन देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यह स्पष्ट कहा था कि उनके लिए सबसे बड़ी जाति गरीब की है। यही कारण है कि भाजपा पूरे देश को एकजुट मानते हुए जातिगत जनगणना का विरोध कर रही है। अगर भाजपा गरीब विरोधी पार्टी होती, तो क्यों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गरीबों को ही सबसे बड़ी जाति बताते।
‘वन नेशन वन इलेक्शन’ समिति के अध्यक्ष हैं पूर्व राष्ट्रपति
भारतीय जनता पार्टी पर कांग्रेस अध्यक्ष ने आदिवासियों और पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के साथ अछूत का व्यवहार करने का आरोप लगाया। लेकिन इस दौरान कांग्रेस अध्यक्ष यह भूल गए कि पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को वर्तमान केन्द्र सरकार द्वारा ही ‘वन नेशन वन इलेक्शन’ का अध्यक्ष बनाया गया है। भाजपा ने ही संसद में भारी मत के साथ आदिवासी समुदाय की द्रोपदी मुर्मू को राष्ट्रपति बनाया। ऐसे में कांग्रेस द्वारा सत्ता पक्ष पर लगाए आरोप निराधार साबित हो रहे हैं।