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जो व्यक्ति यमुना को प्रदूषण-मुक्त करने के प्रयासों को बाधित करें, उसकी सोच और नीयत कितनी प्रदूषित होगी

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दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण और यमुना नदी की हालत पर दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने अरविंद केजरीवाल पर निशाना साधते हुए अपने एक्स अकाउंट पर पोस्ट कर लिखा कि “यमुना सफाई कार्यों का क्रियान्वयन युद्धस्तर पर शुरू हुआ और परिणाम दिखने लगे। यमुना के 11 किलोमीटर के बाढ़ के मैदान को साफ और अतिक्रमण मुक्त किया गया, साथ ही पानी की गुणवत्ता में सुधार हुआ। लेकिन इस सफलता को देखकर अरविंद केजरीवाल को लगा कही इसका श्रेय उपराज्यपाल को ना चला जाए, इसलिए उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर इस समिति के गठन पर स्टे लगवा दिया, जिससे पिछले पांच महीनों में हुए सारे सफाई कार्य ठप हो गए। इसके बावजूद, केजरीवाल ने अगले 16 महीनों में यमुना सफाई के लिए कोई काम नहीं किया, जिसके परिणामस्वरूप आज यमुना की स्थिति और खराब हो गई है।

 

यमुना के पानी की गुणवत्ता में भी हुआ था सुधार

उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने कहा जून 2022 में मैंने सबको साथ ले कर नजफगढ़ नाले की सफाई का काम मिशन मोड में शुरू किया था। परिणाम उत्साहित करने वाले थे और इन्हीं परिणामों को देख कर NGT ने जनवरी 2023 में, उपराज्यपाल की अध्यक्षता में एक उच्च स्तर समिति गठित कर उसे यमुना की सफाई और पुनरुद्धार की जिम्मेदारी सौंपी।इसके बाद मेरी अध्यक्षता में इस समिति की पांच बैठकें हुई, जिसमें यमुना सफाई के कार्यों का युद्धस्तर पर क्रियान्वयन शुरू किया गया। इन प्रयासों के परिणाम भी नज़र आने लगे। यमुना का 11 किलो मीटर का बाढ़ का मैदान धीरे धीरे साफ़ और अतिक्रमण मुक्त होने लगा तथा पानी की गुणवत्ता में भी थोड़ा सुधार होना शुरू हुआ।

 

केजरीवाल ने दायर की थी याचिका

उन्होंने बताया कि यमुना की सफाई के बाद उत्साहजनक परिणामों से अरविन्द केजरीवाल को ऐसा लगने लगा कि यमुना की सफाई का जो झूठा वादा कर उसे वह 9 साल में जरा भी पूरा नहीं कर पाए, उसका श्रेय कहीं उपराज्यपाल को न मिल जाए।फलस्वरूप, केजरीवाल ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर कर मुझे समिति के गठन पर स्टे लगवा दिया। परिणामस्वरूप, पिछले पांच महीने में हुए सारे सफाई के काम ठप हो गए। ऐसा करके केजरीवाल भले ही मेरे यमुना सफाई के प्रयासों को रोकने में सफल हो गए, लेकिन इसके बाद के 16 महीनों में उन्होंने खुद यमुना सफाई के लिए एक भी काम नहीं किया।

 

यमुना की स्थिति है बदतर

यमुना की सफाई ना करने के परिणाम क्या है। यह आज की यमुना की बदतर स्थिति स्वयं बयां करती है। अखबार और अन्य समाचार माध्यम यमुना की दुर्दशा की रिपोर्टों से हर रोज भरे रहते हैं। महापर्व छठ पर भी श्रद्धालुओं द्वारा यमुना में व्याप्त गन्दगी के कारण उच्च न्यायालय द्वारा नदी में अर्घ्य देना वर्जित कर दिया गया।

 

केजरीवाल पर साधा निशाना

विनय कुमार सक्सेना ने कहा कि इससे स्पष्ट हो जाता है कि जिस व्यक्ति ने यमुना को प्रदूषण-मुक्त करने के मेरे प्रयासों को बाधित किया, उस व्यक्ति की सोच और नीयत स्वयं कितनी प्रदूषित रही होगी।

 

 

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