उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सड़क सुरक्षा को लेकर कड़ा रुख अपनाया। CM योगी ने सड़क सुरक्षा परिषद की बैठक में निर्देश दिए कि अगर किसी वाहन का बार-बार चालान होता है, तो उसका ड्राइविंग लाइसेंस या परमिट निरस्त कर दिया जाए और इसे फास्टैग से जोड़ा जाए।
आमजन को जागरूक करने के दिए निर्देश
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने साथ ही, सड़क सुरक्षा जागरूकता के लिए होड़िंग्स सभी जिलों, तहसीलों और थानों में लगाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि राहगीरों और आमजन को जागरूक किया जाए कि दुर्घटना को देखकर भागें नहीं, बल्कि घायलों को पास के अस्पताल या ट्रामा सेंटर में पहुंचाएं। इसके अलावा, एंबुलेंस का रिस्पांस टाइम को न्यूनतम करने के लिए भी निर्देश दिए। इतना ही नहीं, उन्होंने महाकुंभ के दौरान ट्रैफिक व्यवस्था सुधारने के लिए भी विशेष निर्देश दिए। बता दें कि इस बैठक में उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक, नगर विकास मंत्री एके शर्मा, परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह, बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह समेत विभिन्न विभागों के अधिकारी मौजूद थे।
यातायात नियमों से जुड़े विषयों पर प्रतियोगिताएं आयोजित की जाएं
इस बैठक में सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सड़क सुरक्षा जागरूकता कार्यक्रमों से स्कूली बच्चों को जोड़ते हुए यातायात नियमों से जुड़े विषयों पर नाटक, संगीत, कविता, निबंध, संगोष्ठी, भाषण, सामान्य ज्ञान प्रतियोगिताएं आयोजित की जाएं। साथ ही कहा कि जिलाधिकारी की अध्यक्षता में गठित जिला स्तरीय सड़क सुरक्षा समिति की बैठकें पांच जनवरी तक हर हाल में पूरी कर ली जाएं। इतना ही नहीं इसके अलावा सीएम योगी ने स्कूल-कालेजों में रोड सेफ्टी क्लब की तर्ज पर प्रत्येक जिले में सड़क सुरक्षा पार्क बनाने के निर्देश दिए।
पीआरडी और होमगार्डों की संख्या बढ़ाने के दिए निर्देश
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महाकुंभ के दौरान यातायात व्यवस्था को सुचारू बनाने के लिए पीआरडी और होमगार्डों की संख्या बढ़ाने के निर्देश दिए। उन्होंने प्रदेश में हर वर्ष सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली 23 से 25 हजार मौतों पर गहरी चिंता व्यक्त की और इसे राज्य व देश के लिए एक बड़ी क्षति करार दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि इन दुर्घटनाओं का मुख्य कारण जागरूकता की कमी है। उन्होंने निर्देश दिया कि सड़क सुरक्षा माह केवल लखनऊ तक सीमित न रहे, बल्कि इसे प्रदेश के सभी 75 जिलों में प्रभावी रूप से आयोजित किया जाए, ताकि लोगों को सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूक किया जा सके।
ओवरलोडिंग बर्दाश्त नहीं की जाएगी
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सड़कों पर दुर्घटनाओं को कम करने के लिए ठोस उपायों के निर्देश दिए। उन्होंने अधिकारियों से उन जिलों और स्थलों की पहचान करने को कहा जहां दुर्घटनाओं की संभावना अधिक है। उन्होंने निर्देश दिया कि इन स्थानों पर दुर्घटनाओं के कारणों का पता लगाकर समाधान की प्रभावी कार्ययोजना बनाई जाए। मुख्यमंत्री ने ई-रिक्शा और अन्य वाहनों के संचालन में नाबालिगों की भागीदारी को सख्ती से रोकने पर जोर दिया और ई-रिक्शा का पंजीकरण अनिवार्य करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सड़कों पर अनिवार्य रूप से साइनेज लगाए जाएं ताकि यात्रियों को आवागमन में सहूलियत हो। साथ ही, उन्होंने स्पष्ट किया कि ओवरलोडिंग किसी भी स्थिति में बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
सीएम योगी ने दिए ये भी निर्देश
- परिवहन निगम के बस ड्राइवरों की नियमित स्वास्थ्य जांच हो।
- बसों की फिटनेस का पूरा ध्यान रखा जाए।
- हर निकाय में वेंडिंग जोन बनाकर रेहड़ी-पटरी वालों को स्थापित करें।
- सड़कों पर कहीं भी अवैध स्टैंड न लगे, वाहन खड़ा करने के लिए स्थान बनाए जाएं।
- ध्वनि प्रदूषण पर रोकने के लिए बाइकों में मोडिफाईड साइलेंसर व हार्न प्रतिबंधित करें।
- अवैध बसों का संचालन सख्ती से रोका जाए।
- गैर अनुबंधित बसों का पंजीकरण कर उन्हें निर्धारित रूट प्रदान किया जाए।