भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर 27 से 29 जनवरी तक संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) की आधिकारिक यात्रा पर हैं। इस यात्रा के दौरान वह द्विपक्षीय सहयोग को मजबूत करने के लिए संयुक्त अरब अमीरात के नेताओं से मुलाकात करेंगे। इसके अतिरिक्त, वह अबू धाबी में रायसीना मध्य पूर्व सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में मुख्य भाषण देंगे।
यूएई के वरिष्ठ नेताओं से मिलेंगे एस. जयशंकर
विदेश मंत्रालय की एक आधिकारिक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है, “यह यात्रा दोनों देशों के बीच व्यापक रणनीतिक साझेदारी को आगे बढ़ाने और भारत-यूएई संबंधों को नई गति देने का अवसर प्रदान करेगी। अपनी यात्रा के दौरान, वह रणनीतिक साझेदारी के विकास पर चर्चा करने और विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के अवसरों का पता लगाने के लिए यूएई के वरिष्ठ नेताओं से मिलेंगे।
भारत और यूएई के मजबूत और घनिष्ठ संबंध
भारत और यूएई के बीच लंबे समय से मजबूत और घनिष्ठ संबंध रहे हैं, जिनकी शुरुआत 1972 में राजनयिक संबंधों की स्थापना के साथ हुई थी। वर्तमान यात्रा दोनों देशों के बीच उच्चस्तरीय आदान-प्रदान की श्रृंखला का हिस्सा है। इसमें 2015 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ऐतिहासिक यूएई यात्रा विशेष रूप से उल्लेखनीय है, जो 34 वर्षों में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली यात्रा थी। इस यात्रा ने भारत और यूएई के बीच एक मजबूत रणनीतिक साझेदारी की नींव रखी, जिसे समय के साथ और सुदृढ़ किया गया। हाल ही में, नवंबर-दिसंबर 2023 में प्रधानमंत्री मोदी ने दुबई में COP28 जलवायु कार्रवाई शिखर सम्मेलन में भाग लेकर इस साझेदारी को नई ऊंचाई दी।
अबू धाबी में रायसीना मिडिल ईस्ट के उद्घाटन सत्र में देंगे भाषण
अपनी यात्रा के दौरान, विदेश मंत्री एस. जयशंकर यूएई के नेताओं से मुलाकात करेंगे और व्यापक रणनीतिक साझेदारी को आगे बढ़ाने पर चर्चा करेंगे। वह विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग को और गहरा करने के नए अवसरों का पता लगाएंगे। इसके साथ ही, जयशंकर अबू धाबी में आयोजित रायसीना मिडिल ईस्ट के उद्घाटन सत्र में मुख्य भाषण देंगे। यह मंच इस क्षेत्र में राजनीतिक और वैश्विक मुद्दों पर संवाद का एक प्रमुख केंद्र है।
यूएई में भारतीय समुदाय की संख्या लगभग 3.5 मिलियन
यूएई में भारतीय प्रवासियों की बड़ी संख्या ने द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने में अहम भूमिका निभाई है। भारतीय समुदाय, जिसकी संख्या लगभग 3.5 मिलियन है और जो यूएई की कुल आबादी का लगभग 35% है, देश का सबसे बड़ा जातीय समूह है। यह समुदाय यूएई के आर्थिक और सामाजिक ताने-बाने में महत्वपूर्ण योगदान देता है।
भारतीय प्रवासी यूएई के आर्थिक विकास में अहम भूमिका निभा रहे हैं
पिछले कुछ वर्षों में, भारतीय प्रवासियों की भूमिका ब्लू-कॉलर श्रमिकों से विकसित होकर पेशेवरों, उद्यमियों, और कुशल श्रमिकों तक विस्तारित हुई है, जो यूएई के आर्थिक विकास में अहम भूमिका निभा रहे हैं। साथ ही, भारतीय नागरिकों ने अपने सांस्कृतिक योगदान से भी पहचान बनाई है। इनमें से कई को प्रवासी भारतीय सम्मान और पद्म पुरस्कार जैसे प्रतिष्ठित सम्मान दिए गए हैं। भारतीय सामुदायिक संघ, जो सामाजिक कल्याण और सांस्कृतिक गतिविधियों में सक्रिय हैं, कोविड-19 महामारी के दौरान राहत प्रयासों में भी सराहनीय योगदान दिया। उनका सहयोग यूएई में भारतीय समुदाय की सकारात्मक भूमिका का प्रमाण है।